मुंबई फिल्म अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया बॉलीवुड में परिचय की मोहताज नही हैं। डिंपल उम्र के 60 पड़ाव पार कर लेने के बावजूद भी सुर्ख़ियों में बनी रहती हैं। क्या आप जानते हैं आज से 40 साल पहले डिंपल कपाड़िया ने मात्र 16 साल की उम्र में अपनी प्रतिभा और अभिनय के बल पर वो स्टारडम हासिल कर लिया था कि हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना तक उनसे शादी करने के लिए अपनी उम्र के फासले को भूल कर बेचैन हो उठे थे। डिंपल कपाड़िया से जुड़ी कुछ खास बातें
राज कपूर की लकी चार्म ,साल 1972 में राजकपूर अपनी ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म ’मेरा नाम जोकर’ लेकर आये थे। यह फिल्म नहीं चली थी। उसके बाद राजकपूर बहुत परेशान हुए और क़र्ज़ में डूब गए। उन्हें जल्द से जल्द उस क़र्ज़ और सदमे से बाहर आना था। ऐसे में उनकी नज़र डिंपल कपाड़िया पर पड़ी और 16 साल की डिंपल में न जाने देश के सबसे बड़े शोमैन राजकपूर ने ऐसा क्या देख लिया कि उन्होंने अपने प्रतिभाशाली बेटे ऋषि कपूर और डिंपल को लेकर फिल्म ’बॉबी’ की शूटिंग शुरू कर दी। ’बॉबी’ एक ज़बरदस्त हिट साबित हुई और राजकपूर के डूबते नाव को जैसे एक सहारा मिल गया। राजकपूर के लिए डिंपल उनकी लकी चार्म बन गयीं। यहीं से डिंपल कपाड़िया देश भर में मशहूर हो गयीं।
डेब्यू के बाद शादी फिर ब्रेक साल 1973 में प्रदर्शित फिल्म में डिंपल कपाड़िया टीन एज लड़की की भूमिका में दिखाई दी। बॉबी की सफलता के बाद डिंपल को फिल्मों में काम करने के कई ऑफर मिले लेकिन उन्होंने इन सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया और अभिनेता राजेश खन्ना से शादी कर फिल्म उद्योग को अलविदा कह दिया।
शादी के वक्त डिंपल की उम्र राजेश से लगभग आधी थी। राजेश-डिंपल की शादी की एक छोटी-सी फिल्म उस समय देश भर के थिएटर्स में फिल्म शुरू होने के पहले दिखाई गई थी। डिंपल फिर सिनेमा के परदे से दूर हो गयी। लेकिन, बॉबी के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड उन्हें ही मिला। शादी के बाद वो लगभग दस साल तक सिनेमा से दूर रहीं। इसी दौरान उनकी दोनों बेटियों ट्विंकल खन्ना और रिंकी खन्ना का जन्म हुआ। राजेश खन्ना का करियर अब ढलान पर था, उनका गुस्सा, चिड़चिड़ापन बढ़ने लगा और आखिरकार बॉलीवुड की सबसे चर्चित शादी खतरे में पड़ गयी, फिर दोनों अलग हो गए। हालांकि, दोनों ने तलाक नहीं लिया। बता दें कि राजेश खन्ना के आख़िरी दिनों में डिंपल उनके साथ देखी गयीं! जब राजेश खन्ना अपना सब कुछ खो चुके थे तब डिंपल ने उन्हें अकेला नहीं रहने दिया।
परदे पर बोल्ड वापसी राजेश खन्ना से अलग होने के बाद डिंपल ने एक बार फिर फिल्मी परदे का रुख किया। दस साल के ब्रेक और दो बच्चों के बावजूद दुनिया उस समय दंग रह गयी जब 1985 में फिल्म ’सागर’ में उसने डिंपल कपाड़िया को देखा। इसमें एक बार फिर डिंपल के साथ ऋषि कपूर ही थे। क्या आप यकीन करेंगे, इस फिल्म के लिए भी डिंपल को फिल्म फेयर पुरस्कार मिला था। वाकई, डिंपल की कहानी किसी परी कथा सी लगती है, रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में डिंपल ने अपनी बोल्ड इमेज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
लता मंगेशकर की हीरोइन बनीं ’सागर ’के बाद डिंपल की छवि इंडस्ट्री में एक बोल्ड अभिनेत्री के रूप में बन गई। 1986 में प्रदर्शित ’जांबाज’ इसका दूसरा उदाहरण बनी। साल 988 में प्रदर्शित ’ज़ख़्मी औरत’ डिंपल कपाड़िया की महत्वपूर्ण फिल्मों में मानी जाती है। जिसमें उन्होंने एक महिला इंस्पेक्टर का किरदार निभाया था जिसका बलात्कार हो जाता है और वह अपराधियों से बदला लेती है। साल 1991 में प्रदर्शित ’लेकिन’ डिंपल कपाड़िया की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। इस फिल्म से जुड़ा रोचक तथ्य यह है कि गायिक लता मंगेशकर ने इस फिल्म का निर्माण किया था।
अदाकारी के लिए मिला राष्ट्रीय पुरस्कार ,साल 1993 में प्रदर्शित फिल्म ’रूदाली’ डिंपल कपाड़िया की महत्वपूर्ण फिल्मों में एक है। राजस्थान की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म में उन्होंने शनिचरी नामक एक ऐसी युवती का किरदार निभाया जो तमाम दुख के बाद भी नहीं रो पाती है। हालांकि, यह फिल्म अधिक नही चल पाई थी। लेकिन, अपने दमदार अभिनय से डिंपल ने दर्शकों के साथ ही समीक्षकों का भी दिल जीत लिया। ’रुदाली’ के लिए डिंपल को नेशनल अवार्ड भी मिला। डिंपल कपाड़िया ने बहुत कुछ देखा, झेला है पर उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने चार दशक लंबे सिने कैरियर में लगभग 75 फिल्मों में अभिनय किया है। डिंपल के करियर की उल्लेखनीय फिल्मों मे- अर्जुन, एतबार, काश, राम लखन, बीस साल बाद, बंटवारा, प्रहार, अजूबा, नरसिम्हा, गर्दिश क्रांतिवीर, दिल चाहता है, बीइंग सायरस, दबंग, कॉकटेल, पाटियाला हाउस आदि शामिल हैं। हाल के वर्षों में वो वो ’फाइंडिंग फैनी’ और ’वेलकम बैक’ जैसी फिल्मों में नज़र आयीं हैं और वो लगातार काम कर रही हैं। ट्विंकल खन्ना और दामाद अक्षय कुमार के साथ डिंपल अक्सर किसी कार्यक्रम में दिख जाती हैं।