क्राइम जर्नलिस्ट को भ्रष्टाचार के खिलाफ लिखना पड़ा भारी, हो गई गिरफ्तारी | Nation One
पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है, लेकिन भाजपा राज में इस चौथे स्तम्भ का हाल बेहाल होता नजर आ रहा है। आपको बता दें कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लंबे समय से लिखते आ रहे सांध्य दैनिक क्राइम स्टोरी के संपादक राजेश शर्मा को देर रात पुलिस उठा ले गई।
वहीं पुलिस पर क्राइम जर्नलिस्ट राजेश शर्मा की पिटाई करने का भी आरोप लगा है। बता दें कि बिते दिन देर रात सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा कर जिस तरह से पुलिस राजेश शर्मा को घसीट कर ले गई, वह चौथे स्तंभ के खिलाफ सरकार की बौखलाहट को दर्शाता है।
आपको बता दें कि कुछ ही दिन पूर्व नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने उत्तराखंड में पत्रकारों की गिरफ्तारी और फर्जी मुकदमे दर्ज करने के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। और पत्रकारों की गिरफ्तारी की प्रेस काउंसिल से शिकायत की है।
वहीं आपको बता दें कि उत्तराखंड में ज्यादातर मीडिया लोभ, सरकारी विज्ञापनों के लालच के कारण खामोश है। जो भी समाचार पत्र या चैनल सरकार के खिलाफ खबरें चलाते है तो सरकार पहले उनका विज्ञापन बंद कर देती है और अगर उसके बाद भी सरकार के खिलाफ खबरें चल रही हो तो पुलिस उस पत्रकार के खिलाफ दमनात्मक कार्यवाही कर रही है।