सावधान! इस जानवर से फैलता है स्वाइन फ्लू , जानिए क्या हैं इसके लक्षण और उपचार
देहरादून: स्वाइन फ्लू घातक वायरस है, जो सुअरों से फैलता है। सबसे पहले इस बीमारी के लक्षण मैक्सिको के वेराक्रूज इलाके के एक पिग फॉर्म के आसपास रह रहे लोगों में पाए गए थे। स्वाइन फ्लू दरअसल सुअरों के बुखार को कहते हैं। यह उनकी सांस से जुड़ी बीमारी है। यह बीमारी जुकाम से जुड़े एक वायरस से पैदा होती है। ये वायरस मोटे तौर पर चार तरह के होते हैं। H1N1, H1N2, H3N2 और H3N1। इनमें H1N1 सबसे खतरनाक है और दुनिया भर में यही वायरस सबको अपनी चपेट में ले रहा है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण….
इसके लक्षण आम इनसानी फ्लू से मिलते जुलते ही हैं। बुखार, सिर दर्द, सुस्ती, भूख न लगना और खांसी। कुछ लोगों को इससे उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं। गंभीर मामलों में इसके चलते शरीर के कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं, जिसके चलते इंसान की मौत भी हो सकती है।। स्वाइन फ्लू के वायरस का ही एक प्रकार ‘एच-1-एन-1‘ इंसानों में स्वाइन फ्लू का कारण बन सकता है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण आम फ्लू के लक्षणों के समान होते हैं:
1. मांसपेशियों में दर्द के साथ बुखार
2. गले में खराश के साथ दर्द और सूखी खांसी
3. अत्यधिक थकान
4. ठण्ड लगना या नाक निरंतर बहना
5. गले में खराश
6. कफ
7. सांस लेने में तकलीफ
8. भूख कम लगना
9. मांसपेशियों में बेहद दर्द
10. उल्टी या दस्त होना
स्वाइन फ्लू का उपचार:
स्वाइन फ्लू का उपचार सामान्य फ्लू के जैसे ही किया जाता और ठंड, कफ, बुखार से बचने के लिए पैरासिटामाल या एंटीरेट्रोवायरल जैसी विषाणुरोधक दवाएं भी दी जाती हैं ।
• युवाओं में बुखार और ठंड से बचने के लिए पैरासिटामाल दिया जाता है।
• बच्चों को कभी कभी अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता होती है ।
• 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को एस्पिरिन जैसी दवाएं नहीं देनी चाहिए।