प्रदेश में रोगियों को अस्पताल पहुंचाने के लिए शुरू की गई 108 सेवा की हालत बड़ी नासाज है। इस सेवा में लगाए गए वाहनों में अधिकांश की हालत काफी खराब है। जिस कारण रोगियों को समय से अस्पताल पहुंचाने की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। 108 सेवा की ऐसी ही हालत मंगलवार की सुबह तब देखने को मिली जब सेराघाट के पास स्थित जिंगल गांव निवासी लकवा पीड़ित दान सिंह की हालत अचानक खराब हो गई।
परिजनों ने उन्हें अस्पताल में पहुंचाने के लिए 108 सेवा को फोन किया लेकिन सेराघाट से लगभग 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बेरीनाग की 108 एंबुलेंस में तेल न होने के कारण उन्हें यह सेवा नहीं मिल पाई। प्रबंधन ने लगभग दो घंटे बाद अल्मोड़ा की 108 सेवा को रोगी को अस्पताल लाने के लिए भेजा लेकिन सेराघाट से कुछ दूर आकर इस एंबुलेंस के भी ब्रेक फेल हो गए। रोगी घंटों एंबुलेंस में तड़पता रहा। एंबुलेंस चालक ने अपने अधिकारियों को इसकी खबर दी तो लगभग दो घंटे के इंतजार के बाद अल्मोड़ा से खुशियों की सवारी वाहन मौके पर पहुंचा और बमुश्किल उसे अस्पताल पहुंचाया जा सका।
कई एंबुलेंस में रबड़ चढ़े टायरों का किया जा रहा प्रयोग
उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा जिले में रोगियों की मदद के लिए बारह 108 एंबुलेंस और आठ खुशियों की सवारी तैनात की गई है लेकिन इनमें से अधिकांश का हालत वर्तमान में खस्ता है। कई में रबड़ चढ़े टायरों का प्रयोग किया जा रहा है तो कई में तकनीकी खामी के चलते यह रास्ते में ही खराब हो जाते हैं। ऐसे में अब यह सेवा लोगों को मदद देने के बजाय परेशानी का सबब बनती जा रही है।