सरकार की सख्ती के बाद इन दिग्गज कंपनियों ने Fake Review पर की कार्रवाई | Nation One
Fake Review : ऑनलाइन शॉपिंग का चलन बढ़ने के साथ ही जिस एक चीज से ई-कॉमर्स कंपनियां, रिटेलर और खरीदार सबसे अधिक परेशान हैं वो है फेक रिव्यूज। भारत के बाद अब यूरोप के कई देशों में मार्केट रेगुलेटर की चेतावनियों के बाद अमेजन और गूगल जैसी कंपनियां ने फेक रिव्यूज पर सख्ती बढ़ा दी है।
फेक रिव्यूज इंडस्ट्री के फलने-फूलने के लिए अमेजन ने सोशल मीडिया साइट्स को जिम्मेदार ठहराया है। अमेजन का कहना है कि फेक रिव्यू की कॉटेज इंडस्ट्री सोशल मीडिया पर बेरोकटोक बढ़ती जा रही है और इस पर रोक लगाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। इसके कारण खरीदारों को भी खराब अनुभव से गुजरना पड़ रहा है।
Fake Review : अमेजन का दावा, 4 करोड़ 60 लाख हैं फेक रिव्यू इंडस्ट्री का हिस्सा
फेक रिव्यू की चुनौती कितनी बड़ी हो चुकी है इसका अंदाजा इससे लग सकता है कि सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन को पिछले साल 20 करोड़ से अधिक फेक रिव्यू को ब्लॉक करना पड़ा था।
कंपनी ने बताया कि कम से कम 23 हजार समूह ऐसे चल रहे थे जो फेक रिव्यू लिखने का काम कर रहे थे और इसमें कम से कम 4 करोड़ 60 लाख लोग शामिल थे। कंपनी का कहना है कि फेक रिव्यूज उपभोक्ता के खरीद के निर्णयों को प्रभावित करने में सक्षम थे।
Fake Review : उपभोक्ता और विक्रेता दोनों को ही नुकसान
अमेजन की उपभोक्ता ट्रस्ट टीम प्रमुख के धर्मेश मेहता का कहना है कि यह एक दुष्चक्र है, जिसमें ये धोखेबाज लोग उपभोक्ता और विक्रेता दोनों को ही नुकसान पहुंचा रहे हैं।
ये विक्रेता से कहते हैं कि हम आपके लिए फेक रिव्यूज लाकर देंगे और उपभोक्ताओं के समूह के पास जाकर कहते हैं कि आप किसी सेवा या उत्पाद के बारे में अगर फाइव स्टार रिव्यू देंगे तो हम आपको इतने पैसे या कोई गिफ्ट कार्ड देंगे।
इस तरह से ये फेक रिव्यू खरीदकर उसे किसी ब्रांड या निर्माता के लिए मार्केटिंग सर्विस की तरह बेच रहे हैं।
Fake Review : फेक रिव्यू से निपटने के लिए एआइ की मदद
ब्रिटेन के प्रतिस्पर्धा नियामक संगठन ‘कंप्टीशन और मार्केटिंग अथॉरिटी’ (सीएमए) ने पिछले साल कहा था कि अमेजन और गूगल जैसी कंपनियां इस समस्या को बढ़ने से पहले ही खत्म करने के लिए कुछ नहीं कर रही हैं।
इस कारण नियमों का पालन करने वाले बिजनेस नुकसान उठा रहे हैं, जबकि गलत तरीके अपनाने वाली कंपनियां लाभ उठा रही हैं। इसके बाद से अमेजन का दावा है कि उसने फेक रिव्यू की चुनौती से निपटने के लिए एआइ की भी मदद लेना शुरू कर दिया है।
Fake Review : 10000 से अधिक ग्रुप एडमिन पर ठोका मुकदमाः अमेजन
अमेजन का दावा है कि उसने फेक रिव्यू की इंडस्ट्री चलाने वाले 10,000 से अधिक फेसबुक ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर पर मुकदमा दायर किया है।
अपने प्लेटफॉर्म पर इस तरह के समूहों की भारी उपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर मेटा ने कहा था कि ‘इस तरह की सामग्री से अपने उपयोगकर्ताओं को बचाने के लिए वह लगातार नई तकनीकों और तरीकों में निवेश कर’ रही है।
Fake Review : गूगल ने भी फर्जी रिव्यू करने वाले पर किया केस
पिछले ही सप्ताह गूगल ने भी दावा किया था कि उसने एक समूह पर उपभोक्ता संरक्षण का मुकद्मा दायर किया है, जिसने 350 फर्जी बिजनेस प्रोफाइल बनाए और करीब 14000 गुमराह करने वाले रिव्यू करवाए थे।
यही नहीं, यह समहू उपभोक्ताओं का डाटा भी बिजनेस समूहों को बेच रहा था। गूगल का ये भी दावा है कि सिर्फ 2022 में ही उसने 2 करोड़ फेक बिजनेस प्रोफाइल बनाने के प्रयास विफल किए और 1 लाख 85 हजार कारोबारों को अपने प्लेटफार्म के दुरुपयोग से बचाया।
Fake Review : भारत ने पिछले साल बनाए थे फेक रिव्यू के नियम
नवंबर 2022 से भारत के उपभोक्ता मंत्रालय ने भी फर्जी रिव्यू किए जाने पर सख्ती शुरू की है। जारी किए गए नए नियमों के अंतर्गत पैसे देकर पॉजिटिव रिव्यू और फाइव स्टार रेटिंग पर जुर्माना लगाने और दूसरी कंपनियों के लिए नेगेटिव रिव्यू कराने पर भी कार्रवाई की बात कही गई है।
जानबूझकर ऐसा करने पर 10 से 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। कंपनियों को भी निगेटिव रिव्यू को अपने प्लेटफॉर्म पर पब्लिश नहीं करने पर कार्रवाई की बात कही गई है।
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