उत्तराखंड का एक ऐसा गांव जहां लोकपर्व के रूप में मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस…
देहरादून : भारत को आजादी मिले 72 साल पूरे होने जा रहे हैं। समय के साथ स्वतंत्रता दिवस को मनाने का अंदाज भी बदला , देश और प्रदेश में कई सरकारें आई और गई। इन सब के बीच अगर कुछ नहीं बदला तो वो है नीति घाटी के लोगों का आजादी मनाने का अंदाज। नीति घाटी में आज भी 15 अगस्त का दिन किसी त्यौहार के कम नहीं होता।
स्वतंत्रता दिवस के दिन देशभक्ति का ज्वार…
उत्तराखंड के चमोली जिले में चीन सीमा पर एक इलाका ऐसा भी है, जहां 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन देशभक्ति का ज्वार अपने चरम पर होता है। नीति घाटी के नाम से मशहूर इस क्षेत्र में इस दिन लोग घरों में कई तरह के पकवान बनाते हैं। हाथों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर एक जगह पर एकत्रित होते हैं और तिरंगा झंडा फहराते हैं।
15 अगस्त 1947 को जब दिल्ली में लाल किले की…
नीति मलारी घाटी में हर साल स्वतंत्रता दिवस समारोह की धूम रहती है। नीति से सटे गमशाली गांव में मनाए जाने वाले 15 अगस्त समारोह को लेकर भी इस बार तैयारियां तेज हो गई हैं। नीति घाटी के लोग बताते हैं कि जब 15 अगस्त 1947 को जब दिल्ली में लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया गया था। उसी दिन सीमांत गांव के लोगों ने भी सामूहिक रूप से तिरंगा फहराया था।
गांव के बुजुर्गों को देश के स्वतंत्र होने की खबर रेडियो से…
बता दें कि गांव के बुजुर्गों को देश के स्वतंत्र होने की खबर रेडियो से मिली थी तभी से से लोग उत्सव की तरह स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। दशकों पुरानी अपनी परम्परा को बरक़रार रखते हुए नीति घाटी के लोग अपने-अपने गांव से बैनर और तिरंगा लेकर गांव के लोग दंफूधार में स्वतंत्रता दिवस में मनाते हैं। घर-घर में पकवान बनाये जाते हैं।