हाथरस : हाथरस प्रकरण में मंगलवार को एक नया मोड़ आया है. कथित सामूहिक दुष्कर्म के चार आरोपी फिलहाल अलीगढ़ के जिला कारागार में बंद हैं लेकिन, इनमें से एक के परिजनों ने अपने बेटे के नाबालिग होने का दावा किया है. इस नए खुलासे से सब लोग हैरान हैं.
परिजनों का दावा है कि, अभी उनके बेटे की उम्र 18 साल से कम है. इसके बावजूद पुलिस उनके बेटे को गिरफ्तार कर ले गई और जेल में डाल दिया है. वहीं, सीबीआई ने आरोपी की दसवीं कक्षा की मार्कशीट को अपने कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी.
बता दें कि, सोमवार सुबह ही सीबीआई की टीम अलीगढ़ पहुंच गई थी. इसके बाद कुछ अधिकारी अलीगढ़ जेल भी गए थे, जहां चारों आरोपियों से टीम ने एकांत में एक-एक कर पूछताछ की थी. उनसे सात घंटे तक पूछताछ की गई. संदीप नाम के आरोपी से सबसे ज्यादा समय तक अधिकारियों ने सवाल-जवाब किया था.
मेडिकल कालेज के दो डाक्टरों पर गिरी गाज
वहीं, कुछ अधिकारी जेएन मेडिकल कॉलेज गए थे, जहां उन्होंने बिटिया का इलाज करने वाले डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों से करीब आठ घंटे तक पूछताछ की थी. माना जा रहा है कि जल्द ही सीबीआई आरोपियों से दोबारा पूछताछ करने के लिए जेल जा सकती है.घटना को लेकर मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के दो डॉक्टरों पर इसकी गाज गिरी है.
सोमवार को सीबीआई टीम की पूछताछ के बाद मेडिकल कॉलेज के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर दो डॉक्टरों डॉ. उबैद इम्तियाज उल हक और डॉ. मोहम्मद अजीमुद्दीन मलिक को पद से हटा दिया गया है. ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज डॉ. एसएएच जैदी की तरफ से जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि संबंधित दोनों डॉक्टर किसी भी प्रकार की अपनी ड्यूटी को आगे परफॉर्म न करें.
इधर, पद से हटाए गए डॉक्टरों ने इसको लेकर रोष जताया है और कहा है कि हमने महामारी के दौरान अपनी सेवाएं दीं. इसके बाद भी हमारे संबंध में सहानुभूति से विचार नहीं किया गया. इस प्रकरण को लेकर आरडीए ने विरोध जताया है.