हरिद्वार की धर्म संसद पर बोले मोहन भागवत, हिंदुत्व से इसका कोई लेना-देना नहीं | Nation One
बीते दिनों उत्तराखंड के हरिद्वार की धर्म संसद में दिए गए बयानों को लेकर काफी विवाद हो रहा था। इस मामले में वसीम रिजवी उर्म जितेंद्र त्यागी की गिरफ्तारी भी हुई।
इस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चीफ मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि ‘इस तरह की धर्म संसदों का आयोजन हिंदुत्व की विचारधारा से अलग है। इसका हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है। भागवत ने इस आयोजन को लेकर दुख व्यक्त किया।’
वह ‘हिंदुत्व और राष्ट्रीय एकता’ के विषय पर भाषण दे रहे थे। दरअसल, नागपुर में एक अखबार के 50 साल पूरे होने के मौके पर एक आयोजित कार्यक्रम के दौरान भागवत ने कहा, ‘हिंदुत्व कोई वादा नहीं है।
इसका अंग्रेजी अनुवाद भी हिंदूनेस होता है। रामायण और महाभारत में तो कहीं हिंदू भी नहीं लिखा है। इसका उल्लेख गुरु नानक देव ने किया था। यह काफी लचीला है और अनुभव के हिसाब से इसमें परिवर्तन होते रहते हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘निजी फायदे या फिर शत्रुता के लिए कोई भी बयान दे देना हिंदुत्व नहीं है। RSS या फिर जो लोग भी सही रूप में हिंदुत्व को मानते हैं वे इसके बिगड़े हुए अर्थों पर ध्यान नहीं देते। वे विचार करते हैं और समाज में बैलेंस बनाने का काम करते हैं।’
जानकारी के लिए आपको बता दें कि हरिद्वार की धर्म संसद का वीडियो वायरल हो गया था जिसमें अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। यह वीडियो 17 से 19 दिसंबर के बीच का बताया जा रहा था।