Afghanistan Crisis : जानें कौन है मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, जिन्हें तालिबान ने घोषित किया अफगानिस्तान का भावी राष्ट्रपति | Nation One
रिपोर्ट : दीक्षा अरोरा
अफगानिस्तान में बिगड़ते हलातों को देखकर राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग चुके है। इसी बीच तालिबान ने मुल्ला अब्दुल गनी को नए भावी राष्ट्रपति घोषित किया है। परन्तु सवाल यह उठते है कि मुल्ला अब्दुल गनी है कौन? और यह अफगानिस्तान के राष्ट्रपति क्यों चुने गए?
कौन है मुल्ला अब्दुल गनी ?
मुल्ला बरादर अफगानिस्तान के उरुजगान प्रांत के देहराऊद जिले का रहने वाला है। बता दें कि 1994 में अफगानिस्तान में तालिबान आंदोलन की शुरुआत करने वाला शक्स ओर कोई नही बल्कि मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ही है।
यह आंदोलन चार लोगों ने शुरू किया था जिसमें मुल्ला अब्दुल गनी भी शामिल था। अब्दुल गनी कट्टरपंथी इस्लामिक समूह तालिबान का नेता है और बेहद कम समय में ही तालिबान का दूसरा सबसे बड़े नेता बनकर उभरा है।
मुल्ला अब्दुल गनी का इतहास
1990 इस्लामिक शरिया कानून के मुताबित मुल्ला बरादर शासन तालिबान की नींव रखने वालों में से एक था। इतना ही नही 1980 में जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान पर कब्जा करना चाहा तो मुल्ला बरादर ने कंधार से फौजों के खिलाफ जेहाद का ऐलान किया। सोवियत संघ तो हार मानकर चला गया, लेकिन अफगानिस्तान में एक कट्टरपंथी आतंकी संगठन तालिबान का जन्म हो गया था।
अमेरिका में 9/11 हमले के बाद तालिबान को सत्ता से उखाड़ फेंका गया तो मुल्ला बरादर अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ हमलों में शामिल हुआ और आतंकवाद की कमान संभाल ली।
जब 2001 में तालिबान अफगानिस्तान पर शासन कर रहा था तब मुल्ला बरादर उप रक्षा मंत्री के रूप मे काम करता था। इसके साथ-साथ तालिबान के लिए फंडिंग जुटाने और नए रंगरूटों में भी काम करता था।
अमेरिकी हमले के बाद मुल्ला बरादर अंडरग्राउंड हो गया और दस साल बाद पाकिस्तान के कराची शहर में पकड़ा गया। लेकिन इसकी जानकारी बरादर जो कि तालिबान के सबसे बड़े नेता मुल्ला उमर का सबसे भरोसेमंद था उसको थी।
2012 तक मुल्ला बरादर के बारे में बहुत कम चर्चा होने लगी। लेकिन उसका नाम तालिबान कैदियों की सूची में सबसे ऊपर ही रहा, शांति बनाए रखने के लिए अफगान उसे रिहा करना चाहती थी। तालिबान के साथ डील होने के बाद पाकिस्तानी सरकार ने 2018 में उसे रिहा कर दिया था।
मुल्ला बरादर का इतिहास जानकार यह तो पता लग गया कि उसे तालिबान के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक माना जाता था औऱ दूसरा-इन-कमांड भी कहा जाता था।
कब से कर रहे है तैयारी?
कतर में तालिबान और अफगान सरकार के बीच शांति वार्ता होने के बाद मुल्ला बरादर को रिहा कर दिया गया। लेकिन यह बात कोई नही जानता था कि मुल्ला बरादर तभी से अफगानिस्तान में तालिबान की दोबारा हुकूमत कायम करने के मिशन में जुटा हुआ है।
कैसे जाहिर की मुल्ला बरादर ने अपनी खुशी?
जैसे की हम देख सकते है कि तालिबान ने बेहद कम वक्त मे ही अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। अपनी इस खुशी का इजहार करने के लिए मुल्ला बरादर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है।
मुल्ला बरादर ने वीडियो पोस्ट में कहा है, इतने कम वक्त में किसी भी मुल्क को जंग में जीत नसीब नहीं हुई यह अप्रत्याशित है। लेकिन अब हमारे सबसे बड़ी चुनौती अफगानिस्तान की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने और अफगान जनता की समस्याओं को दूर करना हमारे लिए चुनौती होगी। इस संदेश से पता चलता है कि मुल्ला बरादर अफगानिस्तान की कमान संभालने की तैयारी कर रहे है।
कब बनेंगे राष्ट्रपति?
तालिबान के हाथों शांतिपूर्वक सत्ता हस्तांतरण के बाद मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति बन सकते हैं। बता दें कि तालिबान ने 20 साल बाद काबुल में फिर से अपनी हुकूमत कायम कर ली है।
मुल्ला बरादर की शतरंज
अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते को लेकर 2018 से ही बातचीत हो रही थी। जिस के बाद फरवरी 2020 में दोनों पक्षों ने एक शांति समझौता किया। तय हुआ कि अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी सेनाओं को वापस बुला लेगा लेकिन तालिबान को अमेरिकी सेनाओं पर हमला रोकना होगा।
अन्य वादों के मुताबिक तालिबान आतंकी संगठनों को अपने नियंत्रण वाले इलाकों में जगह नहीं देगा और अफगान सरकार से शांति स्थापित करने के लिए बातचीत करेगा।
समझौते के अनुसार सेनाओं की वापसी शुरू हो गई, लेकिन तालिबान ने अपनी शतरंज की चाल से अफगानिस्तान के इलाकों पर कब्जा शुरू कर दिया।