
भारत के लिए बुरी खबर, 8 लाख भारतीयो को वापस भेज रही है कुवैती सरकार | Nation One
कुवैत सरकार ने कुवैत मे रह रहें भारतीयो के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले में कुवैत सरकार ने कहा है की वह 8 लाख भारतीयो को वापस भारत भेजेगी।
बता दें की भारतीय दूतावास के मुताबिक कुवैत में 28,000 भारतीय सरकारी नौकरियों कर है। 5,23,000 भारतीय प्राइवेट कंपनियों में कार्यरत हैं। वहीं इन सबके बीच 1,16,000 इनके डिपेंडेंट है, और 60,000 भारतीय बच्चों की संख्या है जो वहां के स्कूलों में पढ़ते हैं। तो 3,45,000 के लगभग डॉमेस्टिक वर्कर है जो ड्राइवर माली और घर के नौकर है।
क्यों लिया यह फैसला
कोरोना काल से पहले कुवैत की अर्थव्यवस्था में तेल का योगदान 90% था। वहीं बीते कुछ महीनों में तेल के व्यापार में आई गिरावट से कुवैत की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ चुकी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें लगातार गिर रही है, जिस वजह है कि तेल की खपत दुनिया मे कम हो रही है। यहीं कारण है की कुवैत सरकार ने इतना बड़ा फैसला लिया है। बता दें की कुवैत की अर्थव्यवस्था 40% नीचे गिरा गई है।
कुवैत के प्रधानमंत्री सबा अल खालिद अल सबाह चाहते हैं कि कुवैत मे 70% प्रवासियों की आबादी केवल 30% हो जाए। और इसी के चलते सरकार एक बिल लाने की पेशकश करने जा रही है, जिसके ड्राफ्ट की लीगल मंजूरी मिल गई है।
क्या है बिल?
बिल यह है कि भारतीय प्रवासी कि केवल 15% की संख्या ही कुवैत में गुजर-बसर कर सकती है। इसके चलते कुवैत में रह रहे आठ लाख भारतीयों को वहां से निकाला जा सकता है। खबरों के मुताबिक यह माना जा रहा है कि सबसे पहले उन 1300000 प्रवासियों को निकाला जाएगा जो कम पढ़े लिखे हैं या बिल्कुल भी पढ़े-लिखे नहीं है।
बता दें की 1 कुवैती दिनार भारत के 242 रुपए के बराबर होता है। अब भारत में जहां पहले से ही बेरोजगारी की दर एक परेशानी बनी हुई है, उसमें ऐसी खबर का निकल के आना एक चिंता का विषय बन सकता है।
नेशन वन से दीक्षा नेगी और प्रतीक वाल्दिया की रिपोर्ट