अब दुर्गम क्षेत्रों से घायलों को अस्पताल लाने में नहीं लगेगा ज्यादा समय, शुरु हो रही ये नई व्यवस्था..

अब दुर्गम क्षेत्रों से घायलों को अस्पताल लाने में नहीं लगेगा ज्यादा समय, शुरु हो रही ये नई व्यवस्था..

देहरादून: उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा और अन्य दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को दुर्गम क्षेत्रों से तत्काल अस्पताल पहुंचाने में काफी लंबा समय लग जाता है,और कभी-कभी तो उन्हे सड़क मार्ग से अस्पताल लाने में इतना अधिक समय लग जाता हैं कि वो रास्तें में ही दम तोड़ देते हैं। ऐसी को देखते हुए प्राकृतिक आपदा व अन्य दुर्घटनाओं में घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करेगी। इसके लिए हेली एंबुलेंस सेवा संचालित करने वाली एविएशन कंपनियों की तलाश शुरू कर दी गई।

Now it will not be possible to bring the injured to the hospital from inaccessible areas, more time, starting this new system.

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आपको बता दें कि सोमवार को सहस्त्रधारा स्थित हेलीपैड में एविएशन कंपनी ने हेली एंबुलेंस सेवा का डेमोस्ट्रेशन दिया। इसके चलते अब पहली बार राज्य में हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत पांच करोड़ का बजट स्वीकृत हो चुका है।

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सचिव स्वास्थ्य नितेश झा, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर ने संयुक्त रूप से हेली एंबुलेंस सेवा का डेमोस्ट्रेशन देखा। एविएशन कंपनी के विशेषज्ञों से उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार हेली एंबुलेंस को संचालित करने, प्रति घंटे के हिसाब से दरें, सीट के अनुसार हेली एंबुलेंस के अलग-अलग मॉडल व अन्य सिस्टम के बारे में जानकारी ली।