देहरादून: विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार हिमांशु जोशी का लंबी बीमारी के बाद गुरूवार देर रात दिल्ली में निधन हो गया है। उनके निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। उनकी मौत के बाद सीएम रावत ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनके परिवार को दिलासा दिया। हिमांशु जोशी के निधन को सीएम त्रिवेंद्र ने साहित्य जगत के लिए भी अपूर्णीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में उनके परिवार को हौसला देने की प्रार्थना कर रहा हूं।
हिंदी साहित्य के जाने-माने कथाकार और पत्रकार हिमांशु जोशी जी के निधन से दुःख पहुंचा है। मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की कामना करता करते हुए इस दुख की घड़ी से उनके परिवार को संबल देने की प्रार्थना करता हूं।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) November 23, 2018
जानिए कौन थे हिमांशु जोशी…
उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार हिमांशु जोशी ने अपने उपन्यास,कविताओं और कहानियों से पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनायी थी। उनके द्वारा लिखे गए उपन्यास,कविताओं और कहानियों को हम आज भी पढ़ते है। वाकई में एक एेसे साहित्यकार का दुनिया को अलविदा कहना सम्पूर्ण साहित्य जगत के लिए क्षति है। बता दें कि हिमाशु जोशी अपने उपन्यास सुराज, तर्पण, सूरज की ओर आदि कहानियों पर फिल्में भी बन चुकी है। हिमांशु ने शरत चंद्र के उपन्यास चरित्रहीन पर आधारित रेडियो धारावाहिक का निर्देशन भी किया।
बता दें कि हिमांशु जोशी का जन्म चपांवत जिले के जोस्यूड़ा गांव में 4 मई 1935 को हुआ था। उन्हें उत्तराखंड से बेहद लगाव था। वह दो-तीन साल के अंतराल में लगातार खेतीखान आते रहते थे। उनके निधन की खबर सुनते ही खेतीखान सहित समूचे प्रदेश में शोक की लहर है। उत्तराखंड की पावन धरती पर जन्मे हिमांशु जोशी ने अपनी तरक्की से पूरी विश्व में एक साहित्यकार के रूप में एक अलग पहचान बनायी।