Health : गर्मी का मौसम हो या कोई लंबी बीमारी, अगर शरीर को ज़रूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल रहा है, तो यह डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी का संकेत हो सकता है।
हमारे शरीर का लगभग 60% हिस्सा पानी से बना होता है और यह शरीर की हर छोटी-बड़ी क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में पानी की कमी न केवल थकावट और कमजोरी का कारण बनती है, बल्कि गंभीर स्थितियों में यह जानलेवा भी हो सकती है।
Health : शरीर में पानी की कमी के प्रमुख कारण:
- पर्याप्त पानी न पीना:
दिनभर की भागदौड़ में कई लोग जरूरी मात्रा में पानी नहीं पीते, जिससे धीरे-धीरे डिहाइड्रेशन होने लगता है। - अत्यधिक पसीना आना:
गर्मियों में या व्यायाम के दौरान अधिक पसीना निकलता है जिससे शरीर से नमक और पानी दोनों की कमी हो जाती है। - डायरिया और उल्टी:
डायरिया या बार-बार उल्टी होना शरीर से तेजी से तरल पदार्थों को बाहर निकालता है और डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। - तेज बुखार:
बुखार के दौरान शरीर का तापमान बढ़ता है जिससे पसीने के रूप में पानी की कमी हो जाती है। - मधुमेह:
डायबिटीज के मरीजों में बार-बार पेशाब आने के कारण भी शरीर पानी खोता है।
Health : शरीर में पानी की कमी के सामान्य लक्षण:
- मुंह सूखना और प्यास लगना:
यह सबसे शुरुआती लक्षण है। यदि मुंह सूखा लग रहा है और बार-बार पानी पीने का मन कर रहा है, तो यह डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है। - गाढ़ा पीला पेशाब:
सामान्य स्थिति में पेशाब हल्के पीले रंग का होता है। लेकिन अगर पेशाब गाढ़ा हो और बदबूदार हो, तो यह पानी की कमी का लक्षण है। - कमजोरी और थकावट:
शरीर में तरल पदार्थ की कमी से मांसपेशियों में ऊर्जा कम हो जाती है, जिससे व्यक्ति सुस्त और थका हुआ महसूस करता है। - सिरदर्द और चक्कर आना:
पानी की कमी से ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव होता है, जिससे चक्कर और सिरदर्द हो सकता है। - त्वचा की सूखापन और लोच में कमी:
त्वचा अपनी प्राकृतिक चमक खो देती है और खिंचाव महसूस होता है। - दिल की धड़कन तेज होना:
जब शरीर में पानी कम होता है, तो हृदय को शरीर में रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हार्ट रेट बढ़ जाता है। - आँखों का धँसना और आंसू न आना:
डिहाइड्रेशन की स्थिति में आंखें सूखी और धँसी हुई लगती हैं।
Health : गंभीर डिहाइड्रेशन के लक्षण:
- अत्यधिक कमजोरी
- भ्रम या बेहोशी
- तेज बुखार
- पेशाब आना बंद होना
- त्वचा पर झुर्रियों का बढ़ जाना
- शिशुओं में रोते समय आंसू न आना और सिर का धँस जाना
यदि ऐसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
Health : डिहाइड्रेशन से बचाव और उपचार:
1. तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं:
- रोज़ कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
- गर्मियों में नींबू पानी, नारियल पानी, बेल का शरबत, छाछ, और इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय जैसे ORS का सेवन करें।
- डायरिया या उल्टी की स्थिति में ORS पाउडर का उपयोग करें।
2. डाइट में सुधार करें:
- ऐसे फल और सब्ज़ियां खाएं जिनमें पानी की मात्रा ज़्यादा हो, जैसे तरबूज, खीरा, संतरा, अंगूर, स्ट्रॉबेरी और टमाटर।
- चाय, कॉफी और सोडा जैसे कैफीन युक्त पेय से बचें क्योंकि ये डिहाइड्रेशन को और बढ़ा सकते हैं।
3. मौसम के अनुसार रहन-सहन अपनाएं:
- गर्मी में हल्के कपड़े पहनें और धूप में निकलने से बचें।
- धूप में बाहर निकलते समय टोपी, छाता और सनग्लास का उपयोग करें।
4. बीमारियों के दौरान खास ध्यान रखें:
- बुखार, उल्टी या दस्त के समय डॉक्टर की सलाह से दवाएं लें और तरल पदार्थों की मात्रा दोगुनी कर दें।
- बच्चों और बुजुर्गों में डिहाइड्रेशन तेजी से फैलता है, इसलिए उनकी निगरानी रखें।
Health : डिहाइड्रेशन से जुड़ी भ्रांतियां और सच:
भ्रांति: केवल गर्मियों में ही पानी की कमी होती है।
सच: सर्दियों में भी प्यास कम लगने के कारण लोग कम पानी पीते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है।
भ्रांति: सिर्फ पानी पीना ही पर्याप्त है।
सच: शरीर को इलेक्ट्रोलाइट्स (सोडियम, पोटैशियम आदि) की भी जरूरत होती है, जो सिर्फ पानी से नहीं मिलते।
पानी की कमी एक सामान्य परंतु गंभीर समस्या है जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह शरीर के हर अंग की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। यदि समय रहते इसके लक्षणों को पहचान लिया जाए और सही उपचार किया जाए, तो यह आसानी से रोका जा सकता है।
इसलिए अपने शरीर को सुनें, पर्याप्त पानी पिएं और खुद को स्वस्थ बनाए रखें। याद रखें, “अगर प्यास लगी है, तो देर हो चुकी है।” शरीर को हाइड्रेटेड रखना ही स्वास्थ्य की कुंजी है।
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