UP : GST में पारदर्शिता करने पर सीएम योगी सख्त, फर्जी कंपनियों के खिलाफ दिए कार्रवाई के निर्देश!

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UP : उत्तर प्रदेश में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के तहत हो रहे फर्जीवाड़े पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया है। हाल ही में हुई उच्च स्तरीय बैठक में उन्होंने अधिकारियों को फर्जी कंपनियों, बोगस बिलिंग और इनवॉयसिंग के जरिए टैक्स चोरी करने वालों पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि जीएसटी के तहत पारदर्शिता सुनिश्चित करना राज्य की प्राथमिकता है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

UP : मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेताया

लखनऊ में आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने वाणिज्य कर विभाग, आर्थिक अपराध शाखा (EOW), एसटीएफ और पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि राज्य में सक्रिय फर्जी कंपनियों और संदिग्ध कारोबारियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि टैक्स चोरी करके सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा,”जो भी कारोबारियों की आड़ में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं, उन्हें जेल भेजा जाए। किसी भी अधिकारी की लापरवाही मिली तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।”

UP : ई-वे बिल और फर्जी इनवॉयस पर विशेष निगरानी

सीएम योगी ने ई-वे बिल और फर्जी इनवॉयस के जरिए हो रही जीएसटी चोरी पर विशेष निगरानी रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी की मदद से ट्रांजैक्शनों की ट्रैकिंग की जाए और उन कंपनियों की पहचान की जाए जो केवल कागजों पर चल रही हैं।

इसके लिए उन्होंने डिजिटल इंटेलिजेंस सिस्टम विकसित करने और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने के निर्देश भी दिए।

UP : राज्य में जीएसटी चोरी के बड़े मामले आए सामने

हाल ही में वाणिज्य कर विभाग ने राज्य में कुछ ऐसे मामलों का भंडाफोड़ किया है जिसमें कंपनियां फर्जी इनवॉयस बनाकर करोड़ों रुपये का टैक्स क्रेडिट क्लेम कर रही थीं। कुछ मामलों में बिना किसी वास्तविक व्यापार के केवल बिलिंग के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया गया था। मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जताई और ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ त्वरित एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने को कहा।

UP : विभागों को दी गई नई जिम्मेदारियां

मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की जरूरत पर बल दिया और कहा कि:

वाणिज्य कर विभाग संदिग्ध जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जांच करे

आर्थिक अपराध शाखा बड़ी वित्तीय अनियमितताओं पर निगरानी रखे

पुलिस और एसटीएफ मिलकर फर्जी कंपनियों के नेटवर्क को ध्वस्त करें

आईटी विभाग डिजिटल निगरानी को और मजबूत करे

सीएम योगी ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की भी समीक्षा के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे रजिस्ट्रेशन को चिन्हित किया जाए जो महीनों से कोई रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं या जिनका व्यापारिक लेनदेन संदेहास्पद है।

UP-GST पोर्टल पर इन रजिस्ट्रेशन की स्वचालित समीक्षा की प्रक्रिया शुरू करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे रीयल टाइम मॉनिटरिंग संभव हो सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ईमानदार कारोबारियों के साथ है। सरकार की नीतियां पारदर्शिता और सरलता की ओर हैं ताकि व्यापार सुगमता बढ़े, लेकिन जो लोग नियमों की आड़ में गड़बड़ी कर रहे हैं, उनके लिए सख्त संदेश है।

उन्होंने कहा कि “ईमानदार टैक्सपेयर्स को कोई परेशान नहीं करेगा, लेकिन टैक्स चोरों की अब खैर नहीं।”

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UP : जीएसटी संग्रह में रिकॉर्ड वृद्धि

राज्य सरकार के सख्त कदमों का असर जीएसटी संग्रह पर भी दिख रहा है। अप्रैल 2025 में उत्तर प्रदेश ने अब तक का सबसे अधिक ₹11,200 करोड़ का जीएसटी संग्रह किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17% अधिक है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बधाई दी लेकिन साथ ही चेताया कि अब जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए।

उत्तर प्रदेश में जीएसटी प्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से फर्जीवाड़े पर सख्ती के निर्देश दिए हैं, उससे साफ है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी को कतई बर्दाश्त नहीं करने वाली। इस पहल से न केवल सरकारी राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी, बल्कि ईमानदार व्यापारियों को भी सुरक्षित और सहयोगी माहौल मिलेगा।

अब देखना यह है कि इन सख्त निर्देशों के बाद जमीन पर किस स्तर पर कार्रवाई होती है और क्या टैक्स चोरों का नेटवर्क वास्तव में टूटता है या नहीं। लेकिन फिलहाल इतना तो तय है कि जीएसटी में पारदर्शिता अब योगी सरकार की प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है।

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