‘नो वर्क, नो पे’ के फैसले पर पूर्व सीएम का बयान, कहा- कर्मचारियों के सभी अधिकार छीन लेना चाहती है त्रिवेंद्र सरकार

'नो वर्क, नो पे' के फैसले पर पूर्व सीएम का बयान, कहा- कर्मचारियों के सभी अधिकार छीन लेना चाहती है त्रिवेंद्र सरकार

देहरादून: बीते शनिवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट की बैठक हुई थी। जिसमे से त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट ने 29 प्रस्तावों में से 27 प्रस्तावों पर मुहर लगाई थी। इन्हीं 27 प्रस्तावों में से एक राज्य कर्मचारियों द्वारा हड़ताल करने पर उन्हें वेतन न दिए जाने का फैसला भी था। जिसको लेकर अब कांग्रेस त्रिवेंद्र सरकार के इस फैसले पर सवाल उठा रही है। कैबिनेट के इस फैसले को लेकर अब शियासत शुरू हो गई है। वही अब पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी त्रिवेंद्र सरकार पर जमकर निशाना सांधा है।

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जिसके बाद अब राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट मीटिंग में ‘नो वर्क, नो पे’ के फैसले पर कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए है।  कैबिनेट के इस फैसले पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने जमकर सवाल उठाए। इस दौरान उन्होने ट्टिट करते हुए कहा कि चुनाव के समय बीजेपी पलक पांवड़े बिछाकर कर्मचारियों के लिए आसमान के तारे तोड़कर लाने का वादा करती थी लेकिन, अब सरकार कर्मचारियों के सभी अधिकार छीन लेना चाहती है।

रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार के नो वर्क नो पे के फैसले पर त्रिवेंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए ट्विटर पर लिखा है कि कांग्रेस हमेशा ही कर्मचारियों के हितों की रक्षा करती आई है लेकिन मौजूदा सरकार कर्मचारियों के सभी अधिकार छीन लेना चाहती है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी और मजदूरों का हड़ताल ही एक अंतिम ब्रह्मास्त्र है, इसको उनसे नहीं छीनना चाहिए।