जानिए श्रीकृष्ण की ये पांच बातें…जिससे आपका जीवन सफल और बेहतर बनेगा
इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 2 और 3 सितंबर को मनाई जाएगी। इस बार अष्टमी तिथि 2 सितंबर की रात 08:47 पर लगेगी और 3 तारीख की शाम 07:20 पर खत्म हो जायेगी। हालांकि, भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 3 सितंबर की रात को ही मनाया जाएगा। क्योंकि अष्टमी तिथि का सूर्योदय 3 सितंबर को होगा। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन का अनुसरण करने के बाद एक सफल आदमी कैसे बना जा सकता है। उनके अंदर ऐसे कई गुण थे जिन्हें अपनाकर हम अपने जीवन को बेहतर और सफल बना सकते हैं।
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पहला मंत्र
हम सभी जानते हैं कि श्रीकृष्ण बचपन से ही नटखट थे, फिर भी वह बेहद शान्त स्वभाव के थे। कृष्ण जी भगवान विष्णु के अवतार थे और वे यह बात जानते भी थे कि कंस मामा उन्हें बार-बार मारना चाहते थे, फिर भी वे शांत रहते थे और समय आने पर कंस के हर प्रहार का मुंह तोड़ दिया। इससे सीख मिलती है कि कठिन समय में भी अपने शान्त स्वभाव का त्याग नहीं करना चाहिए।
दूसरा मंत्र
भगवान श्रीकृष्ण एक बड़े घराने से संबंध रखते थे वह गोकुल में राजा नंद के पुत्र थे फिर भी वे गोकुल के अन्य बालको की तरह ही रहते, घूमते और खेलते रहते थे। उन्होंने कभी भी किसी में कोई अंतर नहीं रखा। उनमें राज घराने का कोई घमंड नही आया हमेशा उनके चहेरे पर सरल भाव रखते थे।
तीसरा मंत्र
भगवान श्रीकृष्ण ने कभी भी हार न मनाने का संदेश दिया था। अंत का प्रयास करते रहना चाहिए, भले ही परिणाम हमारे पक्ष में क्यों न हो।
चौथा मंत्र
कृष्ण और सुदामा की दोस्ती को कौन नहीं जानता? यह दोस्ती महज दोनों के प्रेम के कारण नहीं, बल्कि एक-दूसरे के प्रति आदर के कारण भी प्रसिद्ध है। किंतु आज के जमाने में दोस्ती के असली मायने कोई नहीं जानता। श्रीकृष्ण ने हमेशा अपने मित्र सुदामा और अर्जुन का साथ दिया था।
पांचवा मंत्र
श्रीकृष्ण को जन्म देवकी ने दिया था, लेकिन उनका पालन-पोषण यशोदा और राजा नंद ने गोकुल में किया। यह जानते हुए कि उनके अपने माता-पिता उनसे दूर हैं, श्रीकृष्ण ने उन्हें दिल से प्रेम किया। उनका आदर और सम्मान करने में कोई कसर ना छोड़ी।