UP : उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के दर्शन को अब पहले से ज्यादा आसान और सुविधाजनक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंदिर के लिए बहुप्रतीक्षित बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण की योजना को अंतिम रूप दे दिया है।
श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने, दर्शन को सुविधाजनक बनाने और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
UP : क्या है बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर योजना?
बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर परियोजना एक विशाल बुनियादी ढांचा विकास योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं के आवागमन को सुव्यवस्थित करना और मंदिर परिसर को आधुनिक सुविधाओं से लैस करना है।
यह कॉरिडोर लगभग 5.5 एकड़ क्षेत्रफल में फैला होगा। इसमें दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश और निकास मार्गों को अलग किया जाएगा, जिससे भीड़भाड़ से बचा जा सकेगा।
इस परियोजना के तहत दर्शनार्थियों के लिए वेटिंग हॉल, पार्किंग, टॉयलेट, बैठने की व्यवस्था, और फूड कोर्ट जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। एक इंटीग्रेटेड दर्शन पथ तैयार किया जाएगा, जिससे सीधे मंदिर तक बिना किसी बाधा के पहुंचा जा सके। आसपास के अतिक्रमणों को हटाकर क्षेत्र को खुला और सुगम बनाया जाएगा।
UP : योगी सरकार का फोकस – “संस्कृति और सुविधा का संगम”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बेहद अहम बताया है।
उन्होंने कहा,”बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। उनकी आस्था और सुरक्षा दोनों की जिम्मेदारी हमारी है। यह कॉरिडोर श्रद्धालुओं को सुविधा देगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति देगा।
सरकार के मुताबिक, इस परियोजना पर करीब 250 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद द्वारा निष्पादित किया जा रहा है।
इस परियोजना को लेकर स्थानीय व्यापारियों और निवासियों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई लोग मानते हैं कि इससे मथुरा का कायाकल्प होगा, वहीं कुछ लोगों को विस्थापन की चिंता सता रही है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी प्रभावितों को मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी।
UP : श्रद्धालुओं के लिए क्या बदलेगा?
कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं को:
– लाइन में घंटों खड़े रहने से मुक्ति मिलेगी।
– सुरक्षित और सुव्यवस्थित प्रवेश और निकास मार्ग मिलेंगे।
– बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाएं दी जाएंगी।
– भीड़ नियंत्रण के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी जैसे CCTV, डिजिटल डिस्प्ले, और क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लगाए जाएंगे।
UP : पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
यह परियोजना केवल मंदिर तक सीमित नहीं है। इसके जरिए मथुरा-वृंदावन क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन हब के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है। कॉरिडोर बनने के बाद मथुरा में आने वाले पर्यटकों की संख्या में 30-40% तक बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।
सरकार का लक्ष्य है कि इस परियोजना को 2026 के अंत तक पूरा कर लिया जाए। निर्माण कार्य की शुरुआत अगले तीन महीनों में होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कार्य में किसी भी प्रकार की देरी न हो और सभी गतिविधियाँ पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ पूरी की जाएं।
बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर परियोजना न केवल श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत लेकर आएगी, बल्कि यह मथुरा के समग्र विकास का भी आधार बनेगी। धार्मिक आस्था, आधुनिक सुविधा और सांस्कृतिक समृद्धि – ये तीनों पहलू इस योजना की नींव हैं। अगर योजना तय समय पर पूरी होती है, तो आने वाले वर्षों में मथुरा धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर और ज्यादा चमकेगा।
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