चैखुटिया में बार बार मांग के बावजूद भगोती-टिम्टा सड़क का निर्माण कार्य शुरू न होने से फिर ग्रामीणों का पारा चढ़ गया। उन्होंने मंगलवार को सड़क निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले आक्रोश रैली निकाली एवं तहसील कार्यालय पर जोरदार धरना-प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद की। गुस्साए ग्रामीणों ने कर्मचारियों का भी घेराव किया तथा बाद में जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन भी सौंपा। सभा में ग्रामीणों ने तल्ख लहजे में कहा कि यदि कार्य शुरू नहीं हुआ वे आरपार की लड़ाई प्रारंभ कर देंगे।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लालुरी, कनोली, टिम्टा व जेठुवा के ग्रामीण सुबह भगोती पर एकत्र हुए एवं जेटुवा तक आक्रोश रैली निकाली। इसके बाद वे वाहनों से चैखुटिया पहुंचे तथा हाथों में बैनर पोस्टर लिए गगनभेदी नारों के बीच पूरे बाजार में रैली निकाली। जो रोड़ नहीं तो वोट नहीं., जनजन की यही पीड़ा है सड़क बिना विकास अधूरा है., झूठे वादे झूठे सपने नहीं सहेंगे नहीं जैसे नारे लगा रहे थे।
बाद में ग्रामीणों ने तहसील परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया एवं धरना दिया। वक्ताओं ने जन प्रतिनिधियों के खिलाफ भी खूब आग उगला। कहा कि और आगे अब वे उपेक्षा सहन नहीं करेंगे। सभी ने सड़क न होने से गांवों से हो रहे पलायन की पीड़ा को भी अपने भावपूर्ण शब्दों में उकेरा। महिलाओं ने साफ कहा कि सड़क न होने से मरीजों को कंधों पर रखकर लाना उनकी मजबूरी हो गई है। बाद में डीएम के नाम ज्ञापन सौंपा।
प्रधान गीता शर्मा, हरी राम, पूर्व प्रधान हरी दत्त, अध्यक्ष खीमानंद कांडपाल, विनोद कुमार, दीपक नेगी, नंदन सिंह, कुंदन सिंह, गणेश जोशी, हरीश नेगी, दुर्गा सिंह, मुकेश कुमार, मृदुल मोहन, विपिन शर्मा, देवी दत्त, राम दत्त, धर्मा देवी, मीनाक्षी, किरन शर्मा, गंगा देवी, भगवती देवी, देबुली देवी, लक्ष्मी, कमला, नंदी, लछिमा, रेवुली देवी, मुन्नी, बसंती, लक्ष्मी व देवेंद्र सिंह आदि।
सक्षम अधिकारी न होने से चढ़ा पारा
तहसील में ज्ञापन लेने एसडीएम व तहसीलदार जैसे जिम्मेदार अधिकारी मौजूद न होने से ग्रामीणों का पारा और चढ़ गया तथा उनकी वहां मौजूद कार्मिकों के साथ तीखी बहस भी हुई। संतोष जनक जवाब न मिलने ने नाराज ग्रामीणों ने कार्मिकों का घेराव भी कर दिया। काफी देर बाद में समझाने बुझाने के बाद मान गए।