मुझे ‘हलाल’ किया हरीश भी हुए ‘हलाल’

  • उत्तराखंड विधानसभा में काबीना मंत्री हरक सिंह ने पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल पर किया कटाक्ष

देहरादून


उत्तराखंड विधानसभा के सदन में काबीना मंत्री डा. हरक सिंह रावत का पिछली सदस्यता खत्म होने का दिल में छिपा दर्द जुबां पर आ गया। उन्होंने विधायक और पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल से कहा कि उन्हें हलाल करने के चक्कर में हरीश रावत को ही हलाल कर दिया गया। विपक्ष के हंगामे पर हरक ने रुंधे गले से अपनी बात पर खेद जताते हुए कहा कि काश उस वक्त उनकी पीड़ा को भी समझा गया होता।

विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के न्यूनतम वेतन के सवाल का जवाब देते हुए श्रम मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि यह सरकार पिछली सरकार की तरह फर्जी घोषणाएं करने वाली सरकार नहीं है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया और कहा कि वे भी उसी सरकार के हिस्सा रहे हैं। इस पर डा. हरक ने कहा कि हां, वे हिस्सा थे। उन्होंने सरकार को बार-बार समझाया। लेकिन जब देखा कि सरकार पर कोई असर ही नहीं हो रहा है तो मार्च-2106 में जनता के हित में सरकार छोड़ दी। कांग्रेस के लोग इसे बगावत कहें तो कहते रहे। इस पर पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने हरक की इस बात को नियमों और संसदीय परंपराओं का उल्लंघन बताते हुए विरोध जताया। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से कटाक्ष आया कि हां, पिछले पांच साल तक सदन को पूरी तरह नियमों के अनुरूप ही चलाया गया।

विपक्ष के हंगामे के बीच डा. हरक सिंह एक बार फिर बोलने को खड़े हुए। भारी शोरगुल के बीच उन्होंने कहा कि उन्हें हलाल करके (सदस्यता खत्म करके) तो हरीश रावत को ही हलाल कर दिया गया। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से तालियां गूंज उठी। कांग्रेसी विधायकों ने इस पर भारी हंगामा किया। श्रम मंत्री हरक सिंह ने कहा कि वे कुंजवाल जी के ज्ञान को चुनौती नहीं दे रहे हैं। लेकिन संसदीय ज्ञान उऩका भी कम नहीं है। अगर उन्होंने मंत्री रहते किसी संसदीय परंपरा का उल्लघंन किया था तो तत्कालीन सीएम और सरकार को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए था। उन्होंने रुंधे गले से अपनी बात के लिए खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उस वक्त (विधायकी खत्म करते वक्त) उनकी पीड़ा को किसी ने नहीं समझा।