Uttarakhand : धामी सरकार ने बदले 15 जगहों के नाम, पढ़ें!

Uttarakhand : उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने राज्य के चार प्रमुख जिलों—हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधमसिंह नगर—में 15 स्थानों के नाम बदलने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। सरकार का कहना है कि यह कदम भारतीय संस्कृति, परंपरा और जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इन स्थानों के नए नाम ऐतिहासिक महापुरुषों, भारतीय संस्कृति और गौरवशाली अतीत को दर्शाने वाले रखे गए हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रदेश में ऐसे स्थानों के नाम बदलना है, जो गुलामी की मानसिकता को दर्शाते हैं या जिनका ऐतिहासिक संदर्भ हमारे गौरवशाली अतीत से मेल नहीं खाता। यह निर्णय जनता की मांग और ऐतिहासिक मूल्यों को संरक्षित करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

Uttarakhand : हरिद्वार जिले में नाम परिवर्तन:

हरिद्वार, जो धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से उत्तराखंड का सबसे प्रमुख शहर है, वहां आठ स्थानों के नाम बदले गए हैं। ये नए नाम महान भारतीय विभूतियों और सांस्कृतिक प्रतीकों को दर्शाते हैं।

1 – औरंगजेबपुर – अब शिवाजी नगर

2 – गाजीवाली – अब आर्य नगर

3 – चांदपुर – अब ज्योतिबा फुले नगर

4 – मोहम्मदनगर जट – अब मोहनपुर जट

5 – खानपुर कुर्सली – अब आंबेडकर नगर

6 – इदरीशपुर – अब नंदपुर

7 – खानपुर – अब श्रीकृष्णपुर

8 – अकबरपुर फाजलपुर – अब विजयनगर

Uttarakhand : देहरादून जिले में बदलाव:

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी चार स्थानों के नाम बदले गए हैं। यह जिले का प्रशासनिक और शैक्षिक केंद्र होने के साथ-साथ ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।

9 – मियांवाला – अब रामजीवाला

10 – पीरवाला (विकासनगर) – अब केसरीनगर

11 – चांदपुर खुर्द – अब पृथ्वीराज नगर

12 – अबदुल्लापुर – अब दक्षनगर

Uttarakhand : नैनीताल जिले में ऐतिहासिक बदलाव:

नैनीताल, जो कि एक प्रमुख पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ उत्तराखंड का सांस्कृतिक केंद्र भी है, वहां दो स्थानों के नाम बदल दिए गए हैं।

13 – नवाबी रोड – अब अटल मार्ग

14 – पनचक्की से आईटीआई मार्ग – अब गुरु गोवलकर मार्ग

Uttarakhand : उधमसिंह नगर जिले में बदलाव:

15 – नगर पंचायत सुल्तानपुर पट्टी – अब कौशल्यापुरी

Uttarakhand : सरकार के इस फैसले का क्या है महत्व?

उत्तराखंड सरकार के इस कदम को प्रदेश में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नाम परिवर्तन केवल एक प्रशासनिक फैसला नहीं है, बल्कि यह भारत के गौरवशाली इतिहास, परंपराओं और संस्कृति को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।

विभिन्न संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे उत्तराखंड की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को नई मजबूती मिलेगी और आने वाली पीढ़ियों को अपने महान पूर्वजों के योगदान की जानकारी मिलेगी।

हालांकि, विपक्षी दलों ने इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे राजनीतिक एजेंडा करार दिया है। उनका कहना है कि नाम बदलने की बजाय सरकार को बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए।

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