अमेरिका ने पाकिस्तान को सैन्य मदद देने से किया इंकार

सोमवार को दुनिया के सबसे ताकतवर देश यानी अमेरिका की ओर से साल के पहले ही दिन की गई बड़ी कार्रवाई ने पड़ोसी मुल्क की बची-खुची साख को भी मिट्टी में मिला दिया है। पाकिस्तान को जबरदस्त तरीके से लताड़ने के बाद अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को पाकिस्तान को दी जाने वाली 1624 करोड़ की सैन्य सहायता रोक लगा दी। यह कार्रवाई भले अमेरिका की ओर से की गई है, लेकिन इसमें भारत की भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता जो हर वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को एक्सपोज करता रहा है।

भारत अमेरिका के सामने कई बार यह बात रख चुका था कि उसकी ओर से मिलने वाली सैन्य सहायता का इस्तेमाल पाकिस्तान भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए करता है, लेकिन अफगानिस्तान में चल रही सैन्य कार्रवाई के नाम पर पाकिस्तान को अमेरिकी मदद जारी रही। यह सिलसिला कई सालों से चला आ रहा था। 18 सितंबर 2016 को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा किए गए उड़ी अटैक ने भारत को बेहद सख्त रवैया अपनाने के लिए मजबूर कर दिया। पाकिस्तान के खिलाफ भारत के इसी सख्त स्टैंड ने पूरी दुनिया को बड़ा संदेश देने का काम किया।

भारत, पाकिस्तान को पूरी दुनिया से अलग-थलग करने के मिशन पर जुट गया। भारत ने पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया। भारत की देखा-देखी अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी सम्मेलन में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया और आखिरकार सम्मेलन को रद्द करना पड़ा। पाकिस्तान की इससे काफी फजीहत झेलनी पड़ी।

इसके अलावा ब्रिक्स सम्मेलन में भी भारत ने चीन की मौजूदगी में पाकिस्तान को उसकी औकात बताई। ब्रिक्स देशों ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों का नाम अपने घोषणापत्र में शामिल किया और तमाम आतंकवादी संगठनों से निपटने के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। इसे पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना गया। भारत ने अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों और वैश्विक नेताओं से मुलाकात में पाकिस्तान को एक्सपोज करने का काम जारी रखा। भारत के इसी मिशन का असर अब अमेरिकी कार्रवाई के रूप में देखने को मिल रहा है।

अब आतंकियों को कैसे पालेगा पाकिस्तान?

पाकिस्तान को अमेरिकी सहायता रोके जाने का सीधा असर आतंकवादी संगठनों को मिलने वाली फंडिग पर पड़ेगा। माना जाता है कि पाकिस्तान अमेरिका से मिलने वाली मदद अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवादियों को पालने-पोसने के लिए करता है। पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकी संगठनों को मिलने वाला संरक्षण कोई रहस्य नहीं रह गया है।

अन्य विदेश स्रोतों से आतंकी संगठनों को मिलने वाली फंडिग को भी भारत रोकने की कोशिशों में जुटा हुआ है और इस दिशा में काफी सफलता भी मिली है। पाकिस्तान के आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन पर अमेरिका बैन लगा चुका है। साथ ही उसके मुखिया सैयद सलाहुदीन का नाम भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में शामिल हो चुका है। अमेरिकी कार्रवाई से भारत के स्टैंड को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के बीच और ताकत मिलेगी।

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