समय से जमा कराएं बच्चों की फीस वर्ना प्राइवेट स्कूल काट देंगे नाम | Nation One
देहरादूनः प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन (पीपीएसए) ने कहा कि सक्षम अभिभावकों को समय से बच्चों की फीस जमा करानी ही होगी अन्यथा प्राइवेट स्कूल उनका नाम काट देंगे. वेबिनार में फीस के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए एसोसिएशन ने यह बात कही. एसोसिएशन ने यह भी कहा कि कोरोना के कारण जो अभिभावक फीस नहीं दे सकते, उन्हें लिखित में इसका कारण स्पष्ट करना होगा.
वेबिनार में पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने कहा कि कोरोना से केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ा है. उन्हें नियमित तौर पर वेतन मिल रहा है. इसके अलावा भी कई अन्य लोग ऐसे हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति पर कोरोना से कोई असर नहीं पड़ा. उसके बावजूद अगर वे लोग भी फीस जमा नहीं कराएंगे तो स्कूल चलाना असंभव हो जाएगा. उन्होंने कहा कि, स्कूलों को अपनी लोन की ईएमआई, शिक्षकों व स्टाफ की सैलरी, बिजली-पानी के बिल व अन्य सभी खर्च वहन करने पड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि एक अक्टूबर के बाद फीस जमा न कराने पर लेट फीस देनी होगी. उसके बाद भी फीस जमा न कराने वाले बच्चों के नाम स्कूल काट देंगे. वहीं, कोरोना के कारण जो अभिभावक फीस दे पाने में असमर्थ हैं, उन्हें लिखित में इसका कारण बताना होगा कि, कोरोना से उनकी आय कैसे प्रभावित हुई. इस पर स्कूल उन्हें फीस जमा कराने के लिए दो से तीन माह का अतिरिक्त समय और इंस्टॉलमेंट की सुविधा दे सकते हैं. कुछ दिन पहले शहर के करीब 50 बड़े स्कूलों के प्रधानाचार्यों की बैठक में इस मुद्दे पर सहमति बन चुकी है. उन्होंने कहा कि स्कूलों के मामले में बेवजह राजनीति की जा रही है. कुछ लोग निजी स्वार्थ और एजेंडे के तहत विरोध कर रहे हैं जबकि 70 से 75 फ़ीसदी अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. उन्होंने शिक्षकों को कोरोना वॉरियर घोषित करने और उनका बीमा करने की कराने की भी मांग की.