महात्मा गांधी की कही वे बातें जिन्होंने लोगों को आजादी का दीवाना बना दिया | Nation One
सत्य, अहिंसा, प्रेम व महान कुछ ऐसे ही नारों से हम पहचानते हैं अपने प्यारे बापू महात्मा गांधी को, समाजवाद का दर्शन हो या फिर अहिंसा का दर्शन, ऐसा समाज का कोई मुद्दा नहीं जिस पर महात्मा गांधी ने कुछ लिखा ना हो. महात्मा गांधी अपने नैतिक दर्शन में कहा करते थे, पाप से घृणा करो पापी से प्रेम करो.
अब सोचिए दुनिया में बहुत सारे इंसान हुए पर, क्या कभी किसी ने जिंदगी भर अहिंसा का पालन किया.महात्मा गांधी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने हमेशा ही अहिंसा के पथ पर रहकर काम किया.उन्होंने कभी खुद के लिए नहीं बल्कि भारत की उस गुलाम मानसिकता के लिए काम किया जो अंग्रेजों ने अपनी कूटनीति के कारण हर भारतीय में भरी थी, इसीलिए महात्मा गांधी को भारत का दर्शन भी कहा जाता है.
आइए हम आपको महात्मा गांधी दवारा कहीं गई कुछ बातें बताते हैं, जो कि आज भी प्रासंगिक हैं. आज उनकी 151 वीं जयंती है जिसे हम हर साल विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाते हैं.
-महात्मा गांधी कहते थे खुद को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है स्वयं को औरों की सेवा में लगा देना.
-आप तब तक यह नहीं समझ पाते हैं कि आपके लिए कौन महत्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते.
– “ऐसे जिएं जैसे कि आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है।’’
‘‘’विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता की जननी.
’’डर शरीर की बीमारी नहीं है, यह आत्मा को मारता है।’’
’व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है’’
‘’ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है. यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।’’
-सोशल मीडिया में भी यह लाइन कई बार आप तक पहुंचती होगी पर, क्या आपको पता है इस लाइन के जनक महात्मा गांधी थे, प्रेम की शक्ति दंड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है.जब तक गलती करने की स्वतंत्रता न हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है, जो भी चाहे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन सकता है, वह व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है वह जो सोचता है वही बन जाता है.काम की अधिकता नहीं अनियमितता आदमी को मार डालती है. जी हां ऐसे विचार थे हमारे प्यारे महात्मा गांधी के
नेशन वन से प्रमेश मनोड़ी की रिपोर्ट