
युद्धोन्माद, उन्मादी मीडिया की जिम्मेदारी तय होनी ही चाहिए!
(धीरज शर्मा/एनबीएस): पुलवामा आतंकी अटैक के बहाने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सवाल उठाने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब सरकार से एयरस्ट्राइक के सबूत मांगे हैं। ममता बनर्जी ने कहा है कि पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक के बाद प्रधानमंत्री ने कोई सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई। उन्होंने यह कहते हुए सरकार से ऑपरेशन की जानकारी सांझा करने के लिए कहा है। विदेश मंत्रालय ने अपनी आधिकारिक प्रेस वार्ता में मौत का कोई आंकड़ा नहीं दिया, लेकिन मंत्रालय की तरफ से ये जरूर कहा गया कि जैश के कैंप पर जो एयरस्ट्राइक की गई है, उसमें आतंकी समूह के कमांडरों समेत बड़ी तादाद में आतंकियों को मारा गया।
हालांकि, पाकिस्तान ने इस एयरस्ट्राइक से किसी भी प्रकार का नुकसान न होने का दावा किया। अब इस एयरस्ट्राइक को लेकर तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी सरकार से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा, विपक्ष होने के नाते हम ऑपरेशन और एयरस्ट्राइक की पूरी जानकारी चाहते हैं। सरकार बताए कि कहां बम गिराए गए, कितने लोग उसमें मारे गए? ये सवाल करते हुए ममता बनर्जी ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोट्र्स का हवाला दिया। उन्होंने बताया, मैं न्यूयॉर्क टाइम्स पढ़ रही थी और उसमें लिखा था कि इस ऑपरेशन में कोई नहीं मारा गया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में एक मौत की बात कही गई है। इसलिए हम इसकी पूरी जानकारी चाहते हैं।
ममता बनर्जी के इस बयान के बाद देश में राजनीति तेज हो गई है, खास तौर पर ममता हिन्दुस्तानी मिडिया के निशाने पर आ गई है। ममता के इस बयान पर हांलाकि सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया अभी तक सामने नही आई है परन्तु कुख्यात हो चुके भारतीय मीडिया के कुछ मानसिक बीमार एंकर आज शाम तक चीख-चीख कर आज शाम तक इस मुद्दे पर विभिन्न टीवी चैनलौं पर शौर मचाने जा रहे हैं। इस बात की पूरी-पूरी संभावना लगातार बनी हुई है। शुरू होने वाली संभावित टीवी बहसों का परिदृश्य अभी से आँखों के सामनेे घूमने लगा है, जिसमें हीन भावना से ग्रसित, डरे सहमें बैठे विभिन्न विपक्षी दलों के राजनैतिक प्रवक्ता सत्तारूढ़ दल व सत्तारूढ़ दल के अघोषित प्रवक्ता के रूप में बैठे टीवी एंकरों के हाथों अपनी (चढ्ढी़) माँफ कीजिएगा, बेइज्जती करवाने जा रहे है!
सवाल यह है कि आखिर ममता गलत कैसे? स्वस्थ लोकतंत्र में विपक्ष द्वारा सत्तारूढ़ दल से सवाल क्या राष्ट्र द्रोह की परिभाषा में आता है? और सबसे बड़ा सवाल क्या मीडिया की जिम्मेदारी तय नहीं की जानी चाहिए? हम सभी ने देखा है कि पिछले चार दिनों में युद्धोन्माद, उन्मादी मीडिया ने देश भर में किस प्रकार युद्ध का माहौल तैयार किया। क्या यही मीडिया की भूमिका होनी चाहिए? अगर कोई इस विचारधारा से प्रेरित ना हो तो यह तथा कथित एंकर उसे देशद्रोही की श्रेणी में खडा़ करने का प्रयास करते हैं। इन्हें यह अधिकार किसने दिया, इस पर विचार करने की आवश्यकता है। पूरा देश हमारी वायुसेना के अदम्य साहस व पराक्रम के सामने अभिभूत है,हमें अपनी सेना पर गर्व है। जिस प्रकार का पराक्रम भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर किया है वो एक मिसाल बन गया है, सालों तक विश्व इसे उदाहरण के तौर पेश करेगा, परन्तु क्या सेना के शौर्य पर राजनीति करना उचित है। इस पर भी विचार करना होगा।
मीडिया ने पाकिस्तान में भारतीय वायुसेना के पराक्रम के बाद वहां हुई मौतों का आंकडा पेश किया, इस पर भी उनसे सवाल किए जाने चाहिएं कि उनके पास यह आंकडा कहां से आया। क्योंकि सरकार ने और सेना ने अधिकृत तौर पर अभी तक कोई आंकडा देश को नहीं दिया है, तो फिर मीडिया के पास यह आंकडा कहां से आया वो भी कार्यवाही के कुछी घण्टों बाद, यह मीडिया की विश्वस्नीयता पर प्रश्नचिन्ह है? हमें याद रखना होगा कि यह वो ही मीडिया है जिसने नोटबंदी के दौरान 2000 के नोट में चिप लगी होने की बात की थी। अत: मीडिया की जिम्मेदारी तय होनी ही चाहिए!