हरिद्वार धर्म संसद में हेट स्पीच का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जल्द होगी मामले की सुनवाई | Nation One
हरिद्वार में धर्म संसद में हेट स्वीच का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई को भी तैयार हो गया है। प्रमुख न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा कि हम मामले की सुनवाई करेंगे।
इस मामले में उत्तराखंड पुलिस पर हिलाहवाली के आरोप लग रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में ‘धर्म संसद’ में भड़काऊ भाषण देने पर वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। बस इसके बाद जांच के नाम पर पूरी कार्रवाई ठंडे बस्ते पर चली गई।
लखीमपुर खीरी में किसानों को वाहन से कुचलने की घटना का मामला भी जब सुप्रीम कोर्ट पर पहुंचा था, तब ही पुलिस हरकत में आई थी। अब हरिद्वार धर्म संसद का माला भी सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने पर उत्तराखंड पुलिस का एक्शन में आना भी तय है।
इस मामले को लेकर शीर्ष अदालत में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हमने हरिद्वार में धर्म संसद में हुई घटनाओं पर एक जनहित याचिका दायर की है। देश के नारे सत्यमेव जयते से बदलकर सशस्त्रमेव जयते हो गए हैं।
सीजेआइ ने कहा कि कोर्ट इस पर गौर करेगा। उन्होंने पूछा कि क्या इस मामले में पहले ही जांच नहीं हो चुकी है? इसपर सिब्बल ने बताया कि मामले में सिर्फ एफआइआर दर्ज हुई है, ना कोई कार्रवाई हुई, ना गिरफ्तारी।
आखिर में CJI ने कहा कि वो इस मामले को सुनेंगे। पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली ने दाखिल की है।
याचिका में मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच की एसआइटी से स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। साथ ही हेट स्पीच सुप्रीम कोर्ट के तहसीन पूनावाला मामले में जारी आदेशों के पालन कराने की मांग की गई है।
दरअसल, जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य पर आरोप है कि हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ कार्यक्रम के दौरान सभी वक्ताओं ने डरावने और हिंसक भाषण दिए। सोशल मीडिया पर भड़काऊ भाषण वाला वीडियो वायरल है, जिसे लेकर आम लोगों में काफी आक्रोश है।
इससे पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा था कि उन्होंने अपनी पार्टी के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष को कहा है कि वो ‘धर्म संसद’ में भड़काऊ भाषण देने वाले सभी वक्ताओं के खिलाफ केस दर्ज कराएं।
बता दें कि धर्म संसद का आयोजन स्वामी नरसिंहानंग ने कराया था। इस सम्मेलन में वक्ता के रूप में हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रमोदानंग गिरि और स्वामी आनंदास्वरूप, साध्वी अन्नपूर्णा शामिल हुए थे।
वहीं बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय पर भी कई आरोप लगे हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह सिर्फ 30 मिनट ही कार्यक्रम में रुके थे। मुस्लिमों के खिलाफ विवादित भाषण पर कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने भी नाराजगी जताई है।
उन्होंने कहा कि मुनव्वर फारूकी को उन जोक्स के लिए दंडित किया गया, जो उन्होंने नहीं सुनाए थे, लेकिन विवादित बोल बोलने वाले धर्म संसद के उन सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साधु-संत कहते दिख रहे हैं कि धर्म की रक्षा के लिए वह शस्त्र उठाएंगे। अब मुस्लिम पीएम नहीं बनने देंगे। साथ ही वह मुस्लिम आबादी भी नहीं बढ़ने देंगे।
धर्म की रक्षा के नाम पर साधुओं का यह विवादित भाषण तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं साध्वी अन्नपूर्णा भी कॉपी-किताब रखकर हाथ में शस्त्र उठाने की बात कहती दिख रही हैं।