मेरठ : उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद के रामाला थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर इंतसार अली को लंबी दाढ़ी रखने पर निलंबित कर दिया गया. पुलिस अधीक्षक ने निलंबित करते हुए इंतसार को पुलिस लाइन भेज दिया. निलंबन का कारण एसआई इंतसार द्वारा दाढ़ी के लिए अनुमति न मांगना बताया जा रहा है जबकि, इंतसार का का कहना है कि उसने अनुमति मांगी थी लेकिन, नहीं मिली. इधर, पुलिस अधीक्षक के इस आदेश की कड़ी आलोचना हो रही है. अब देवबंद के उलेमाओं ने बागपत एसपी की कार्रवाई को गलत बताते हुए यूपी सरकार से उनके निलंबन की मांग की है.
इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द देवबंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कारि मुस्तफा देहलवी ने कहा कि एसपी ने अपने एक दरोगा इंतसार अली को दाढ़ी रखने के लिए लाइन हाजिर कर दिया. एसपी को इस तरह की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी. तास्सुब की बुनियाद पर ऐसी कार्रवाई करना कतई ठीक नहीं है. हम अपनी और अपनी तंजीमों की तरफ से इसकी सख्त अल्फाज में निंदा करते हैं. यूपी सरकार और केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वो अधिकारी जो तास्सुब की बुनियाद पर नौकरी कर रहे हैं, ऐसे लोगों को नौकरी में बने रहने का हक नहीं है. ऐसे लोगों को फौरी तौर पर सस्पेँड किया जाए.
आपको बता दें कि, सहारनपुर निवासी इंतसार अली यूपी पुलिस में एसआई के पद पर भर्ती हुए थे. पिछले तीन साल से वह बागपत जिले में कार्यरत हैं.लॉकडाउन से पहले उन्हें रमाला थाने में तैनाती दी गई थी. कहा जा रहा है कि उन्हें दाढ़ी रखने के लिए विभाग से अनुमति लेने को भी कहा था लेकिन, पिछले कई महीनों से दरोगा इंतसार अली आदेश की अनदेखी करते हुए दाढ़ी रख रहे थे.
इस बारे में सब-इंस्पेक्टर इंतेसार अली का कहना है कि उन्होंने पिछले साल नवबंर में ही दाढ़ी रखने के लिए इजाज़त माँगी थी जो नहीं मिली. कहा कि, ज़रूरत पड़ने पर वो अदालत भी जाएंगे. उनका यह भी कहना था, `मैं अपनी ड्यूटी भी करता हूं और नमाज़ भी पढ़ता हूं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि दाढ़ी रखने की वजह से मुझे इस तरह दंडित किया जाएगा. मुझे अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है`. मैं पच्चीस साल से पुलिस सेवा में हूं. मैंने अपने कार्यकाल में पूरी ईमानदारी से नौकरी की है. हमेशा से दाढ़ी रख रहा हूं कभी किसी अधिकारी ने मुझे नहीं टोका. अब मुझे निलंबित कर दिया गया. मैं अपने अधिकारियों से अनुमति मांगने के लिए अपील करूंगा. मुझे विश्वास है मेरी बात सुनी जाएगी.