शहीद सैनिको की आत्मा की शांति के लिए सिद्धपीठ मायादेवी मंदिर में शांति यज्ञ का आयोजन | Nation One
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पांच हफ्ते से जारी तनातनी ने हिंसक रूप ले लिया। सोमवार रात गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के कर्नल सहित बीस जवान शहीद हो गए।
गलवान घाटी में शहीद हुए बीस भारतीय सैनिको के बलिदान पर संत समाज ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है। जहां जूना अखाड़े के संतो ने शहीद सैनिको की आत्मा की शांति के लिए सिद्धपीठ मायादेवी मंदिर में शांति यज्ञ का आयोजन किया तो वही हरिद्वार के अन्य संतो ने ऐसी घटनाओं को निंदनीय बताया है। यही नही संतो ने चेतावनी दी है कि भारत इट का जवाब पत्थर से देना जनता है।
शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी महाराज ने कहा सैनिको को श्रद्धांजलि स्वरूप आज यज्ञ का आयोजन जूना अखाड़े स्थित माया देवी मंदिर में किया गया है, मौन व्रत रखा गया है। चीन ऐसी कायराना हरकत कर सकता है ऐसी कामना नही थी। चीन द्वारा विश्वासघात किया गया, चीन के द्वारा किये गए कायराना हमले की साधु संत निंदा करते है और केंद्र सरकार से शहीद सैनिको के परिवार को एक एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी देने की भी मांग की।
वही श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन के महन्त दुर्गा दास ने इस हमले की निंदा करते हुए और चेतावनी देते हुए कहा की अगर कोई भी देश भारत सीमा पर कुछ भी अटैक करता है तो हम सभी देशवासियों संत समाज भारत के साथ हैं और हमारी फौज हमारे सैनिक ईंट का जवाब पत्थर से दे सकते है। अब चीन को सबक सिखाने की जरूरत है।
महन्त दुर्गादास ने बताया यह घटना बहुत ही निंदनीय है इस पर हम देश के शहीद वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं भारत मां के शहीद वीर जवानों को ईश्वर अपने चरणों में स्थान दे।
चीन द्वारा किए गए कायराना हमले की हरिद्वार में साधु संत घोर निंदा कर रहे हैं और शहीद सैनिकों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं। वहीं संतों ने चेतावनी दी है कि अगर कोई भी देश भारत की सीमा पर कब्जा करने का प्रयास करेगा तो उस देश की फेंकी ईट का जवाब भारत पत्थर से देना जानता है।
हरिद्वार से वंदना गुप्ता की रिपोर्ट