रामलीला मैदान में फीका पड़ रहा है जन आंदोलन
समाजसेवी अन्ना हजारे के नेतृत्व में रामलीला मैदान में सशक्त लोकपाल, चुनाव सुधार प्रक्रिया और किसानों की मांगों को लेकर शुक्रवार से शुरू हुआ जन आंदोलन फीका पड़ता नजर आ रहा है। भले ही आंदोलन में शामिल होने वाले लोग उत्साह से लबरेज हैं, लेकिन वर्ष 2011 की तरह इस बार ज्यादा भीड़ नहीं जुट पा रही है।
राजस्थान, पंजाब से लोगों को नहीं दे रही सरकार
शनिवार को रामलीला मैदान में बने मंच से किसान नेताओं ने भी लोगों को संबोधित किया और केंद्र सरकार की किसान नीतियों पर सवाल खड़े किए। वहीं, अन्ना ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान, पंजाब से सरकार लोगों को यहां आने नहीं दे रही है। किसानों को जबरदस्ती रोका जा रहा है, लेकिन किसान पैदल आ रहे हैं। राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी आंदोलन शुरू हो गया है। जब सरकार जनता की नहीं सुनती है तो जनता आंदोलन करती है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ दूर हो गए वरना हम भी बदनाम हो जाते। उन्होंने कहा कि अनशन पर बैठे लोग खूब सारा पानी पीकर आंदोलन कर रहे हैं। सरकारें सुनती नहीं है, उनके लिए जान क्यों दें। वहीं, गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल से मिलने की बात पर उन्होंने कहा कि मंच पर उनसे कोई बात नहीं होगी और न ही कोई भाषण देने दूंगा। मंच के पीछे कमरे में बैठकर बात करेंगे। बता दें कि शनिवार को हार्दिक के आने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन वह यहां नहीं पहुंचे।
अन्ना के समर्थन में स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव के परिवार के सदस्य भी पहुंचे। उन्हीं के परिवार के सदस्य संदीप थापर के मुताबिक वर्ष 2011 में हुए आंदोलन की वजह से तत्कालीन सरकार सत्ता से बेदखल हुई थी। ऐसा ही हाल इस सरकार का भी न हो जाए। इसके अलावा फ्लैट पर कब्जा नहीं मिलने से परेशान हुए नोएडा के लोग भी यहां समर्थन देने के लिए पहुंचे। वहीं, अन्ना की तरह दिखने वाले हैदराबाद से आए शाह नकवी भी रामलीला मैदान पहुंचे।