Qutab Minar Controversy: ताज महल के बाद अब कुतुब मीनार में मचा बवाल, उल्टी मूर्तियों को लेकर हिंदू संगठनों ने उठाया सवाल, की ये मांगे । Nation One
Qutab Minar Controversy: ताज महल को लेकर चल रहा विवाद अभी शांत होता नजर आने ही लगा था कि, अब ऐसे में एक और बड़ा विवाद खड़ा हो गया है ।
आपको बता दें कि, कुतुब मीनार के ‘कुव्वत- उल-इस्लाम’ मस्जिद के ढांचे में लगी हिंदू धर्म की मूर्तियों को लेकर एक बार फिर विवाद गहरा हो गया है ।
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दरअसल हिंदू संगठन वहां लगी भगवान गणेश की दो उल्टी मूर्तियों को लेकर बेहद गुस्से में हैं ।
संगठनों का कहना है कि, मस्जिद में लगी उल्टी मूर्तियों से ना केवल हिंदूओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है बल्कि उनके देवी-देवताओं का भी बहुत अपमान हो रहा है । जिसके चलते हिंदूओं ने उन्हें वहां से जल्द से जल्द हटाने की मांग की है ।
Qutab Minar Controversy पर मस्जित के ढांचे पर पूजा करने की मांगी अनुमति
आपको बता दें कि, इसी के साथ हिंदू संगठनों ने मस्जिद के ढांचे पर लगी सभी मूर्तियों को हटाकर उन्हें सही तरीके से स्थापित करने की मांग की है और साथ ही वहां पूजा करने की अनुमति भी मांगी है ।
कुतुब मीनार का नाम बदलकर ये नाम रखने की उठी मांग
जानकारी है कि, हिंदू संगठनों ने कुतुब मीनार का नाम विष्णु स्तंभ किए जाने की भी मांग की है । बता दें, यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जयभगवान गोयल ने इन मांगों को लेकर अन्य हिंदू संगठनों के साथ मंगलवार को कुतुब मीनार परीसर में हुनमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की है ।
मस्जित को मंदिर घोषित करने की उठी मांग, साथ ही हनुमान चालीसा पढ़ने का किया एलान
आपको बता दें कि, गोयल ने हिंदूओं की इस मांग को सहराया है और कहा है कि, वे शांतिपूर्वक हिंदू संगठनों के साथ वहां जाएंगे और कुतुब मीनार परिसर स्थित मस्जिद के नाम से जाने जा रहे ढांचे को मंदिर घोषित करने की मांग करेंगे और वहां हनुमान चालीसा भी पढ़ेंगे ।
हिंदूओं की ये है मांग
हिंदूओं की मांग है कि या तो उन्हें ढांचे में लगी भगवान की मूर्तियों की पूजा करने की अनुमति दी जाए या वहां से मूर्तियां निकालकर एक ऐसे स्थान पर स्थापित करने की अनुमति दी जाए जहां वे पूजा कर सकें ।
Qutab Minar Controversy पर कुछ ऐसा बोले गोयल
गोयल का कहना है कि, वे धर्म के मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगें इसलिए वे इस मुद्दे पर हिंदूओं का साथ देंगे और शांतिपूर्वक हिंदू संगठनों को लेकर वहां जाएंगे और कुतुब मीनार परिसर स्थित मस्जिद के नाम से जाने जा रहे ढांचे को मंदिर घोषित करने की मांग करेंगे साथ ही वहां हनुमान चालीसा भी पढ़ेंगे ।
कुतुब मीनार का नाम बदलने का ये बताया गया कारण
आपको बता दें, गोयल ने कहा कि, इस बात पर कोई शक नहीं है कि, ढांचे को बनाने के लिए हिंदू और जैन मंदिरों की कुरबानी दी गई है ।
ढांचे को 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाया गया था जिसके चलते उसमें हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की मूर्तियां होना बिल्कुल जायज़ हैं । तो एसे में कायदे से ढांचा मंदिर ही हुआ ।
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बता दें, साथ ही उन्होंने ये तर्क भी दिया है कि, कई विज्ञानों ने भी कहा है कि कुतुब मीनार वास्तव में विष्णु स्तंभ है । लेकिन कुछ अलग विचारधारा के लोगों ने इतिहास गलत लिखा है । इसलिए हिंदूओं की मांग बिल्कुल जायज़ है कि, कुतुब मीनार का नाम विष्णु स्तंभ किया जाना चाहिए ।
पुलिस ने लोगों को किया गिरफ्तार
वहीं जब कुछ भगवा वस्त्र धारी लोग कुतुब मीनार पर हनुमान जी की स्तुति करने पहुंचे थे तो पुलिस ने उन्हें परिसर तक जाने नहीं दिया। पुलिस ने मंगलवार सुबह ही कुतुबमीनार जाने वाले मार्गो पर बैरिकेडिंग कर उन्हें बंद कर दिया था।
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बता दें कि फ्रंट के कार्यकर्ता जब हनुमान चालीसा पढ़ते हुए कुतुबमीनार की ओर बढ़े तो पुलिस ने 44 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
जानकारी के मुताबिक कुतुबमीनार से जिन 44 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर फतेहपुरबेरी थाना ले जाया गया, उनमें फ्रंट की अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष गुरु मां कंचन गिरि जी महाराज, मां पीतांबरा पीठ, दतिया के धर्माचार्य नवीन, फ्रंट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष धर्मेद्र बेदी एवं उपाध्यक्ष अवध कुमार, उपाध्यक्ष जयप्रकाश बघेल, विनीता श्रीवास्तव और सुमन प्रजापति आदि शामिल हैं।