शुक्रवार को श्रीनगर में हुंकार रैली के आह्वान पर स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं। लोगों की भीड़ को देखते हुए पूरे श्रीनगर में भारी फोर्स तैनात है। बता दें कि पिछले 10 दिनों से तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अनशन पर बैठे समाजसेवी अनिल स्वामी को पुलिस ने बुधवार को रात दो बजे जबरन उठाकर बेस अस्पताल में भर्ती कर दिया था। पुलिस कार्रवाई को लेकर आंदोलनकारियों में भारी रोष है। स्थानीय लोग भी समर्थन में उतर आए हैं।
पुलिस की कार्रवाई के विरोध में गुरुवार को भी श्रीनगर में आंदोलनकारियों ने कड़ा विरोध प्रदर्शन कियासंयुक्त अस्पताल गेट के समीप एकत्रित होकर आंदोलनकारियों ने नगर क्षेत्र में जुलूस निकालकर मुख्यमंत्री व क्षेत्रीय विधायक एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। उधर, शुक्रवार को हुंकार रैली के आह्वान पर लोग सड़कों पर उतर आए हैं। लोगों ने कहा कि जो मांगें आसानी से पूरा हो सकती हैं, उनके लिए सरकार जबरदस्ती जनता को सड़कों पर उतारने को तुली हुई है।
श्रीनगरवासी गंदा पानी पीने को मजबूर
जुलूस शहर के बाजार से गुजर रहा है। प्रगतिशील जनमंच के अनिल स्वामी ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से श्रीनगरवासी गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। श्रीनगर परियोजना की कार्यदायी कंपनी नई योजना बनाने के लिए सरकार को पैसा देने को तैयार नहीं है। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। संयुक्त अस्पताल में अस्थायी व्यवस्था पर बुधवार को डाक्टरों को भेजे जाने के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन बिना स्थायी व्यवस्था को इन आदेशों को जनता मानने को तैयार नहीं है।
एनआईटी के मुद्दे पर भी सरकार का रवैया टालमटोल का है। ऐसे में जनता में सरकार के प्रति कड़ा आक्रोश है। उन्होंने आंदोलन को और उग्र करने की चेतावनी दी। जनमंच की हुकांर रैली में पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के पहुंचने की सूचना थी, लेकिन अब बताया जा रहा है कि वह नहीं पहुंचेंगे। प्रगतिशील जनमंच के अध्यक्ष अनिल स्वामी ने कहा कि प्रशासन की ओर से जबरदस्ती अनशन स्थल से उन्हें उठाकर आंदोलन को और अधिक भड़काया गया है। जिसकी जिम्मेदारी अब शासन-प्रशासन की ही है।
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