ऑड-ईवन व्यवस्था दून में भी हो सकती है लागू, पढ़ें पूरी खबर | Nation One

देहरादून : प्रदेश की राजधानी देहरादून में भी ऑड-ईवन व्यवस्था लागू हो सकती है. हालांकि, प्रशासन द्वारा पहले व्यवस्था को दुरूस्त करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. अगर प्रयास सफल नहीं होते हैं यहां पर भी दिल्ली की तरह ऑड-ईवन व्यवस्था पर विचार हो सकता है. आईजी गढ़वाल रेंज ने भी इस विकल्प पर सहमति जताई है.

आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने यातायात व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए मंथन शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि त्योहारी सीजन में यातायात का दबाव पहले से कहीं अधिक हो जाएगा. ऐसे में जरूरी है कि इससे पहले ही विकल्प तलाश लिए जाएं. लोगों को पार्किंग आदि के लिए समय समय पर दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं.

साथ ही एक निर्धारित समय के लिए दिल्ली की तर्ज पर ऑड-ईवन व्यवस्था लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है. दून पुलिस को इस व्यवस्था की प्लानिंग करने को कहा गया है. इसमें वाहन संचालन से जुड़ीं एसोसिएशनों और संगठनों का भी सहयोग लेना होगा ताकि यातायात को सुचारु बनाया रखा जा सके.

आपको बता दें, छह माह से शहर में स्मार्ट सिटी के तहत खुदाई का काम चल रहा है. शहर की ज्यादातर व्यस्त रहने वाली सड़कों की चौड़ाई पहले के मुकाबले 50 फीसदी तक कम हो गई हैं. मौजूदा समय में अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा बुरे हालात हैं.

स्मार्ट सिटी के कामों के लिए सड़कों पर हो रही खुदाई का आलम यह है कि इस समय धूल के गुबार और हांफता ट्रैफिक ही नजर आता है. ऐसे में यहां पर यातायात सुचारू रखना बेहद मुश्किल हो रहा है. जिला पुलिस लगातार इसके लिए प्रयास कर रही है लेकिन, फिलहाल कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है.

ट्रैफिक सिग्नलों की जिम्मेदारी पुलिस के पास

इधर, प्रदेश में यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ट्रैफिक सिग्नलों की जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई है. अब पुलिस विभाग इनके रखरखाव के लिए पत्राचार में समय बर्बाद नहीं करेगी. ट्रैफिक निदेशालय को इसके लिए अलग से 4.20 करोड़ रुपये मिले हैं.

पहाड़ के जिला मुख्यालयों और छोटे शहरों में ट्रैफिक सिग्नल लगे हुए हैं पर पहाड़ी शहरों में भी ट्रैफिक सिग्नल जल्द लगवाए जाएंगे ताकि यहां समय रहते यातायात स्थिति को बिगड़ने से पहले संभाला जा सके. इधर, इस बजट से चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों का रखरखाव भी किया जाएगा. पुलिस के मुताबिक ज्यादातर जगहों पर सीसीटीवी कैमरों के लिए कोई अलग से बजट न होने के कारण इनके मेंटेनेंस में भी वक्त लगता था लेकिन, इस बजट के आने के बाद पुलिस की यह दुश्वारी भी दूर हो जाएगी.

प्रदेश की राजधानी देहरादून में भी लगभग 30 जगहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगे हुए हैं. इनमें कारगी चौक की सिग्नल लाइट काफी समय से खराब है. शहर का व्यस्ततम चौराहा होने के चलते यहां लोगों को जाम और बेतरतीब यातायात का सामना करना पड़ता है.

शहरों में ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था कहीं विकास प्राधिकरण के जिम्मे होती है तो कहीं नगर निगम इनका रखरखाव करता है. ऐसे में यदि एक बार सिग्नल खराब हुआ तो इन्हें सही होने में सप्ताह से महीनों तक का समय लग जाता है. इसके लिए पुलिस पहले संबंधित विभाग को पत्र लिखती है. इसके बाद उसका जवाब आता है तब यदि सब कुछ ठीक रहा तो लाइट ठीक की जाती है.

यातायात निदेशालय ने पिछले साल इसकी कवायद शुरू की थी कि इस मद में उन्हें कुछ बजट दिया जाए. साथ ही यह सारी व्यवस्था पुलिस को सौंपी जाए. यातायात निदेशक केवल खुराना ने बताया कि शासन ने इस प्रस्ताव को मंजूर करते हुए 4.20 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया है. जिसे जल्द ही जिलों को जारी कर दिया जाएगा.