किसानों को उन्नत किस्म के गुणवत्ता युक्त पौधे उपलब्ध कराने के लिए त्रिवेंद्र सरकार पहली बार प्रदेश में नर्सरी एक्ट लागू करने जा रही है.
लेकिन इस एक्ट के कड़े नियमों से प्रदेश में चल रही कई नर्सरियां बंद हो जाएंगी।
एक्ट के अनुसार प्रदेश में नर्सरी लगाने के लिए संचालक या किसान के पास 0.20 हेक्टेयर यानी 10 नाली निजी भूमि होनी जरूरी है।
वहीं, कृषि व औद्यानिकी विश्वविद्यालय से पौधशाला प्रबंधन का प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र भी देना होगा, तभी नर्सरी लगाने के लिए लाइसेंस मिल सकेगा।
सरकार ने एक्ट में यह प्रावधान भी कर दिया है कि नर्सरी संचालक को उद्यान विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधीनस्थ संस्थान.
कृषि व उद्यान विश्वविद्यालयों से पौधशाला प्रबंधन का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा