News : जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान मची भगदड़, 3 लोगों की मौत, 50 से ज्यादा घायल!

News : विश्वप्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान शनिवार को एक दुखद हादसे ने श्रद्धा के उत्सव को मातम में बदल दिया। ओडिशा के पुरी में आयोजित इस भव्य धार्मिक आयोजन के दौरान अचानक मची भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि करीब 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। प्रशासन और पुलिस की तमाम तैयारियों के बावजूद इस हादसे ने सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

News : क्या हुआ हादसे के वक्त?

जानकारी के मुताबिक, यह भगदड़ उस समय हुई जब लाखों की संख्या में भक्त भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ खींचने के लिए उमड़े हुए थे।

जैसे ही भगवान जगन्नाथ का रथ ‘नंदिघोष’ मंदिर परिसर से बाहर निकला और ग्रांड रोड पर आगे बढ़ा, भीड़ अचानक बेकाबू हो गई। श्रद्धालुओं की धक्का-मुक्की तेज हो गई और कुछ लोग संतुलन खोकर गिर पड़े। इससे पीछे आ रही भीड़ में अफरा-तफरी मच गई।

स्थानीय प्रशासन ने पुष्टि की है कि इस भगदड़ में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है। सभी घायलों को तुरंत पुरी जिला अस्पताल और श्री जगन्नाथ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। मौके पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने त्वरित प्राथमिक उपचार देकर कई लोगों की जान बचाई।

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News : मृतकों की पहचान जारी

हादसे में मारे गए तीन लोगों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस के अनुसार, उनकी जेबों से कोई पहचान पत्र नहीं मिला है। डीएनए सैंपल लेकर शवों को सुरक्षित रखा गया है। प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि जो लोग अपने परिजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं, वे पुलिस कंट्रोल रूम से संपर्क करें।

पुरी के जिलाधिकारी ने बताया कि भीड़ नियंत्रण के लिए करीब 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। जगह-जगह बैरिकेड्स और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, लेकिन भीड़ का अत्यधिक दबाव और श्रद्धालुओं की हड़बड़ी के चलते यह हादसा हुआ। ओडिशा के डीजीपी ने भी घटनास्थल का दौरा किया और अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हादसे पर गहरा दुख जताया है और मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायलों को सरकारी खर्च पर इलाज मुहैया कराया जा रहा है।

News : श्रद्धालुओं की आंखों में आंसू

जो श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के दर्शन और रथ खींचने की खुशी लेकर आए थे, उनके चेहरों पर हादसे के बाद सिर्फ खामोशी और दुख का साया छा गया। कई लोगों ने बताया कि शुरू में सब कुछ सामान्य था, लेकिन अचानक भीड़ बढ़ने लगी और धक्का-मुक्की ने सब कुछ बिगाड़ दिया।

एक प्रत्यक्षदर्शी महिला श्रद्धालु ने कहा, “मैं अपने परिवार के साथ दर्शन करने आई थी, तभी अचानक पीछे से भीड़ ने धक्का देना शुरू कर दिया। बच्चे रोने लगे और कई लोग जमीन पर गिर पड़े। ये पल बेहद डरावना था।”

News : सुरक्षा इंतजामों पर उठे सवाल

जगन्नाथ रथ यात्रा जैसे विश्वस्तरीय आयोजन में इस तरह की भगदड़ ने प्रशासन की तैयारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रथ खींचने के दौरान श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

स्थानीय सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने भी हादसे पर दुख जताते हुए सरकार से मांग की है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कड़े उपाय किए जाएं।

ओडिशा सरकार ने हादसे की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है, जो यह पता लगाएगी कि सुरक्षा में क्या चूक हुई और कैसे इसे भविष्य में सुधारा जा सकता है। इसके अलावा, भीड़ प्रबंधन को लेकर नई गाइडलाइन बनाने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है।

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News : भारी निगरानी के साथ रथ यात्रा जारी

हालांकि हादसे के बाद कुछ समय के लिए रथ खींचने की प्रक्रिया रोक दी गई थी, लेकिन सुरक्षा के बीच दोबारा यात्रा को शुरू किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं को निर्देश दिया गया कि वे संयम और अनुशासन बनाए रखें।

पुरी की रथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और भावना का प्रतीक मानी जाती है। लेकिन इस बार का उत्सव तीन जानों की कुर्बानी और दर्जनों जख्मों के साथ इतिहास में दर्ज हो गया है। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस हादसे से क्या सीख लेता है और भविष्य में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीरता से काम करता है।

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