
NEWS : क्या हमारी पर्सनल बातों को सुनता है हमारा मोबाइल, रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा | Nation One
NEWS : कई बार ऐसा होता है कि हम कोई चीज खरीदना चाहते हैं या कहीं घूमने जाने का सोचते हैं और उसके बाद जब अपना फोन, लैपटॉप या स्मार्ट टीवी ऑन करते हैं तो हमें उन चीजों से रिलेटेड विज्ञापन दिखने लगते हैं। ऐसे में हमारे दिमाग में पहला सवाल यही आता है कि क्या हमारा फोन, लैपटॉप या अन्य स्मार्ट डिवाइस हमारी बातें सुनते हैं क्या? ये आपके साथ भी कई बार हुआ होगा।
इस सवाल का जवाब देते हुए अटलांटा बेस्ड कॉक्स मीडिया ग्रुप ने बताया कि यह बिलकुल सही है कि हमारे स्मार्ट डिवाइस हमारी बातों को सुनते हैं। सीएमजी लोकल सॉल्यूशंस साइट की एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया,”यह सच है। आपके उपकरण आपको सुन रहे हैं।”
हालांकि, सीएमजी ने बाद में अपने साइट से इस रिपोर्ट को हटा दिया। इस रिपोर्ट को हटाने के कारणों का तो पता नहीं है लेकिन रिपोर्ट में दावा किया गया था कि हमारे उपकरण हमारी बातें, जैसे हमें क्या खाना है, हम किसी रेस्टुरेंट की खोज कर रहे हैं, हम अपने मकान में खुश नहीं हैं और नया मकान देखने की सोच रहे हैं, इस तरह की बातों को सुन और समझ कर हमें उनसे जुड़े विज्ञापन दिखाता है।
NEWS : एक्टिव लिसनिंग गैर कानूनी नहीं!
सीएमजी लोकल सॉल्यूशंस के पोस्ट में कहा गया था कि इसकी “एक्टिव लिसनिंग” तकनीक स्थानीय विज्ञापनदाताओं को उन उपभोक्ताओं की साप्ताहिक सूची प्रदान करने के लिए बातचीत कर सकती है जो किसी दिए गए उत्पाद या सेवा के लिए बाजार में हैं।
सीएमजी के अनुसार, “यह आपके व्यवसाय के लिए प्रासंगिक किसी भी कीवर्ड/लक्ष्य को सुनने के लिए एक अभियान को अनुकूलित कर सकता है।” कंपनी ने दावा किया कि इसका नतीजा यह है कि विज्ञापन दक्षता और समय को एक नए स्तर पर ले जाया गया है।
अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि ऐसा करना क्या कानूनी तौर पर सही है? जी हां, आपके डिवाइस की एक्टिव लिसनिंग गैर कानूनी नहीं है। फोन और डिवाइस के लिए आपकी बात सुनना कानूनी है।
जब आप कोई नया ऐप डाउनलोड या अपडेट करते हैं तो आपको फाइन प्रिंट में उपयोग की शर्तों के बहु-पृष्ठ समझौते के लिए सहमति देनी होती है। इस समझौते में एक्टिव लिसनिंग को भी अक्सर शामिल किया जाता है।
NEWS : बिना परमिशन कोई डिवाइस नहीं कर सकता माइक्रोफोन का इस्तेमाल
न्यूज एजेंसी, वैरायटी को दिए गए एक बयान में गूगल प्रतिनिधि ने कहा,”वर्षों से, एंड्रॉइड ने ऐप्स को ऑडियो एकत्र करने से रोका है जब उनका सक्रिय रूप से उपयोग नहीं किया जा रहा है और जब भी कोई ऐप किसी डिवाइस के माइक्रोफोन को सक्रिय करता है, तो स्टेटस बार में एक प्रमुख आइकन प्रदर्शित होता है।”
इसके अलावा एप्पल ने भी दावा किया कि कोई भी ऐप आपकी अनुमति के बिना iPhone या iPad के माइक्रोफोन या कैमरे तक नहीं पहुंच सकता है। iOS 14 और iPadOS 14 या उसके बाद के संस्करण में, जब कोई ऐप माइक्रोफोन या कैमरा का उपयोग करता है, तो आपका डिवाइस आपको यह बताने के लिए एक संकेतक प्रदर्शित करता है कि इसका उपयोग किया जा रहा है।
इसके साथ ही एप्पल का कहना है,”सिरी वॉयस असिस्टेंट के लिए एकत्र किए गए डेटा का उपयोग मार्केटिंग प्रोफाइल बनाने के लिए नहीं किया जाता है। इसे कभी भी किसी को नहीं बेचा जाता है।” आपको बता दें, आप यदि अपने फोन पर कुछ सर्च करते हैं और उससे रिलेटेड ऐड आने से आप परेशान हैं तो आप अपने गूगल अकाउंट पर जाकर पर्सनलाइज्ड ऐड को बंद कर सकते हैं।
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