News : हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक कार खरीदने वालों को बड़ी राहत, धामी सरकार ने किया पंजीकरण शुल्क माफ!
News : उत्तराखंड सरकार ने राज्य में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब राज्य में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों के पंजीकरण पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह कदम राज्य को हरित और प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में अहम साबित हो सकता है। अब तक, जो लोग हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक वाहन खरीदते थे, उन्हें भारी पंजीकरण शुल्क देना पड़ता था। इससे इन पर्यावरण-हितैषी वाहनों की कुल कीमत काफी बढ़ जाती थी। लेकिन अब पंजीकरण शुल्क माफ होने के बाद वाहन खरीदने की कुल लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी। इससे मध्यम वर्ग के लोग भी इन वाहनों की ओर आकर्षित होंगे और प्रदूषण रहित परिवहन को अपनाएंगे। 



News : राज्य को मिलेगा आर्थिक फायदा
इस नीति का असर केवल उपभोक्ताओं पर नहीं बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक पड़ेगा। जानकारी के अनुसार, अब तक कई लोग पंजीकरण शुल्क बचाने के लिए अपने वाहनों का पंजीकरण पड़ोसी राज्यों में करवाते थे। इससे उत्तराखंड सरकार को माल एवं सेवा कर (GST) के रूप में मिलने वाले राजस्व में भारी नुकसान हो रहा था। लेकिन अब जब पंजीकरण शुल्क ही नहीं लगेगा, तो लोग अपने वाहन राज्य में ही पंजीकृत करवाएंगे, जिससे सरकार को जीएसटी के माध्यम से अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
News : सार्वजनिक परिवहन भी होगा लाभान्वित
केवल निजी वाहन ही नहीं, बल्कि सार्वजनिक परिवहन को भी इस नीति से फायदा होगा। देहरादून शहर में पारंपरिक डीजल या पेट्रोल से चलने वाले वाहन—जैसे कि सिटी बस, ऑटो और विक्रम—को बैटरी या सीएनजी में बदलने के लिए सरकार सब्सिडी देगी। इस सब्सिडी को अब सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजा जाएगा जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी और योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंचेगा। सरकार ने ‘उत्तराखंड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति 2024’ में संशोधन कर यह स्पष्ट कर दिया है कि अब राज्य की प्राथमिकता पारंपरिक ईंधन से हटकर हरित ऊर्जा की ओर है। यह परिवर्तन केवल एक आर्थिक नीति नहीं, बल्कि राज्य के भविष्य के विकास मॉडल को दर्शाता है जो स्वच्छता, सतत विकास और पर्यावरणीय संतुलन पर आधारित है।