Liquor Policy : हरियाणा की मनोहर सरकार ने प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू की है। इस नीति के तहत अब दफ्तरों में कर्मचारी शराब पी सकेंगे। यह नीति 12 जून से राज्य भर में मौजूद बड़े कॉर्पोरेट ऑफिस में लागू होगी।
इस नीति के लिए हरियाणा सरकार ने मंत्रिपरिषद के साथ 9 मई को बैठक की जिसमें हरियाणा मंत्रिपरिषद ने 2023-24 आबकारी नीति लागू की।
इसके तहत कॉर्पोरेट ऑफिस में कम मात्रा वाले अल्कोहल पेय जैसे बीयर, वाइन और पीने के लिए तैयार पेय पदार्थ परोसना संभव होगा।
नीति के तहत कम से कम 5,000 कर्मचारियों वाले एक कॉर्पोरेट कार्यालय में बीयर, शराब और पीने के लिए तैयार पेय पदार्थों की अनुमति होगी।
Liquor Policy : आबकारी नीति के नए नियम
L-10F लाइसेंस कॉर्पोरेट कार्यालय के लिए दिया जाएगा, यदि कैंटीन या भोजनालय का कम से कम क्षेत्रफल 2,000 वर्ग फुट या इससे ज्यादा है। नीति के अनुसार, “लाइसेंस देने की प्रक्रिया बार लाइसेंसों के लिए लागू होगी।
L-10F लाइसेंस एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर द्वारा निर्दिष्ट नियमों और शर्तों पर 10 लाख रुपये के वार्षिक निश्चित शुल्क के भुगतान पर दिया जाएगा।
इसके लिए लाइसेंस शुल्क के अलावा तीन लाख रुपये की सिक्योरिटी भी देनी होगी। परिसर आम रास्ते में नहीं होना चाहिए या किसी ऐसे क्षेत्र से जुड़ा नहीं होना चाहिए जहां अक्सर लोग आते-जाते हों। लाइसेंसधारक को नीति के खंड 9.8.9 के अनुसार शराब का स्टॉक खरीदना होगा।
एल-10एफ लाइसेंस कलेक्टर (आबकारी) द्वारा आबकारी एवं कराधान आयुक्त द्वारा दिया आवंटित किया जाएगा। कलेक्टर (आबकारी) की ओर से जिले के उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त द्वारा इसका नवीनीकरण कराया जायेगा।
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