जानिए देश में क्या योगदान था “चिदम्बरम् सुब्रह्मण्यम्” का ?
आज 30 जनवरी को चिदम्बरम् सुब्रह्मण्यम् का जन्मदिवस है। 30 जनवरी को तमिलनाडु के कोयंबटूर में उनका जन्म हुआ। 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद तो हो गया लेकिन देश की आजादी के बाद कई तरह की समस्याएं देश में थी। खानापूर्ति एवं अनाज संबंधी समस्या भी इनमें से एक थी। उस वक्त देश के कई राज्य सूखाग्रस्त थे, कई जगहों में अकाल पड़ा हुआ था। हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले एम.एस.स्वामीनाथन साथ ही बी.सिवरमण और नार्मन इ. बोर्लौग और चिदंबरम सुब्रमण्यम को भी भारत में हरित क्रांति के मुख्य प्रस्तावक के रूप में जाना जाता है।
चिदम्बरम सुब्रहमण्यम् जब देश के कृषि मंत्री रहे तब कई सारी योजनाएं उन्होंने संचालित की थी। देश में उन्होंने अपनी कृषि संबंधी नीतियों से बदलाव लाने के कई प्रयास किए। स्वतंत्रता से पहले कई आंदोलनों में लिप्त रहने के कारण उन्हें जेल के चक्कर भी काटने पड़े। सुब्रहमण्यम् की कृषि नीतियों के कारण वर्ष 1972 में देश ने खाद्यान्न उत्पादन केे सभी रिकॉर्ड तोड़ डाले। इसी दौर को हरित क्रांति कहा गया।
सुब्रहमण्यम् इंजीनियरिंग मंत्री भी रहे। वर्ष 1998 में उन्हें देश के सर्वोच्च पुरूष्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। भारत रत्न के साथ-साथ कई अन्य प्रतिष्ठित पुरूष्कारों से भी वे सम्मानित किए जा चुके हैं। वर्ष 2010 में भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में एक सिक्का भी जारी किया गया। वर्ष 1952 के दौरान मद्रास के वित्त मंत्री भी रहे।1972 के दौरान वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे साथ ही महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी उन्होंने सेवाएं दी। वर्ष 2007 को देश के इस महानायक का निधन हो गया।
नेशन वन से अमन रावत की रिपोर्ट