जानिए कैसे पंचायत ने बनाया शौचालय निर्माण को अपना कमाई का जरिया
स्वच्छ भारत मिशन के शौचालय निर्माण को पंचायत के जिम्मेदार नुमाइंदों ने कमाई का जरिया बना लिया है। शौचालय बनवाने के बाद ग्रामीण प्रोत्साहन राशि पाने सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। वहीं दूसरी ओर हितग्राहियों को बांटने के लिए सरकार की ओर से दी गई राशि को पंचायत के सरपंच और सचिव दबाए बैठे हैं। कई पंचायतों में शौचालय अनुदान की राशि का जिम्मेदारों ने गबन कर लिया है।
हलाकान ग्रामीणों की शिकायत के बाद जब जिला प्रशासन ने पतासाजी की और जांच कराई तो इस बात का खुलासा हुआ। जनता के हक का लाखो रुपए गबन करने वाले 9 ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिवों के खिलाफ प्रशाशन ने सख्त रुख अपनाया है। बार-बार नोटिस देने के बाद भी शौचालय अनुदान की राशि हितग्रहियों को नहीं देने पर जिला पंचायत सीईओ ने पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी किए हैं।
जनपद पंचायत नवागढ़ के ग्राम पंचायत कचंदा, सिंघुल, भैसमुडी, जनपद पंचायत जैजैपुर के ग्राम पंचायत हसौद, मलनी, सलनी, गाडामोर, जनपद पंचायत बलौदा के ग्राम पंचायत महुदा, और जनपद पंचायत डभरा के ग्राम पंचायत धुरकोट के सरपंच और सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। जिला पंचायत सीईओ ने जनपद सीईओ को सम्बंधित ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिवों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश जारी किया है।