30 अगस्त 2021 का दिन भारत के इतिहास में दर्ज हो गया है। इस दिन टोक्यो से भारत को एक के बाद एक खुशखबरी मिली। एक बार फिर टोक्यो पैरालंपिक में भारत का झंडा लहराया है। और देश के लिए ये कारनामा कर दिखाया है जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल ने।
उन्होंने देश को पैरालंपिक में दूसरा गोल्ड दिलाया है। सुमित ने भाला फेंक की F64 स्पर्धा में भारत का दूसरा और एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण पदक हासिल किया है। बता दें कि सुमित पहले एक पहलवान थे लेकिन 2015 में एक दुर्घटना ने उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल दी।
उनका पहलवानी में करियर बनाने का सपना तो टूट गया लेकिन खेल के रास्ते पर चलने से उनको जैवलिन में भविष्य बनाने की सूझी। जिसके बाद से ही उन्होंने भाला फेंक में निरंतर अभ्यास किया। और आज ये मुकाम हासिल किया।
हालांकि टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारत का ये आठवं पदक होता लेकिन चक्का फेंक में विनोद कुमार को उनका पदक नहीं दिया गया क्योंकि पैनल ने विकार के क्लासिफिकेशन निरीक्षण में उन्हें आयोग्य बताया है।
इस कारण अब भारत की झोली में कुल 7 पदक आ चुके हैं। इससे पहले सोमवार की सुबह भारतीय निशानेबाज अवनि लेखरा ने भारत को पहला गोल्ड दिलाया। वहीं जैवलिन थ्रो में ही देवेंद्र झाझरिया और सुंदर सिंह गुर्जर ने सिल्वर और कांस्य पदक जीता।