इन पांच जिलों में भी केंद्रीय कर्मियों को भी मिले क्षतिपूर्ति भत्ता : सतपाल महाराज
देहरादून: प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने वित्त मंत्री भारत सरकार से मांग की है कि सातवें वेतन आयोग की संस्तुति के आधार पर टिहरी, पौड़ी,अल्मोड़ा,बागेश्वर और देहरादून के चकराता क्षेत्र के केन्द्रीय कर्मचारियों को विशेष क्षतिपूर्ति भत्ते दिया जाए। उन्होंने इसके पीछे कारण भी बताए हैं।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने…
शुक्रवार को विधानसभा स्थित कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में कैबिनेट मंत्री महाराज ने यह जानकारी दी। कहा कि सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों के लिए निर्धारित विशेष क्षतिपूर्ति भत्ते के वर्गीकरण बी, सी व डी में राज्य के टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा व बागेश्वर जिलों के अलावा चकराता क्षेत्र को शामिल नहीं किया गया है।
वित्त मंत्री से आग्रह किया कि इन क्षेत्रों को…
उन्होंने कहा कि इन जिलों की भौगोलिक स्थिति भी अन्य जिलों की भांति है। यहां कार्यरत केंद्रीय कर्मियों को इस भत्ते से वंचित रखने से उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ ही मनोबल भी हतोत्साहित होगा। उन्होंने वित्त मंत्री से आग्रह किया कि इन क्षेत्रों को किसी एक वर्गीकरण पार्ट में मानक के अनुसार शामिल किया जाए।
संत होने के नाते वह देवभूमि में स्लाटर हाउस का…
एक सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि एक संत होने के नाते वह देवभूमि में स्लाटर हाउस का विरोध करते हैं। यह उनकी निजी राय है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में स्लाटर हाउस होने ही नहीं चाहिए। किसी भी जीव की यहां हत्या नहीं होनी चाहिए।
किसी भी जीव की यहां हत्या नहीं…
महाराज के इस बयान से हरिद्वार जिले में स्लाटर हाउस का विरोध कर रहे भाजपा विधायकों यतीश्वरानंद और संजय गुप्ता को भी ताकत मिली है। वैसे, हरिद्वार भाजपा की सियासत में ये दोनों ही विधायक सतपाल महाराज के करीबी माने जाते हैं। वहां स्लाटर हाउस के मामले में कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन के खिलाफ ये दोनों विधायक मोर्चा खोले हुए हैं। बसपा के पूर्व विधायक सरबत करीम अंसारी भी स्लाटर हाउस का विरोध कर रहे हैं।