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कुंभ फर्जी कोविड टेस्टिंग मामले में डेढ़ महीने बाद भी जांच जारी, कार्रवाई कब | Nation One
कुंभ कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़ा मामले में जांच अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। डेढ़ महीने से भी अधिक का समय बीत जाने के बाद पुलिस की एसआईटी टीम मुख्य आरोपी (आशीष वशिष्ठ) को गिरफ्तार कर पाई है।
हालांकि, पुलिस लगातार आरोपियों के ठिकाने पर दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है। कई दिनों से मैक्स कॉरपोरेट के पार्टनर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उत्तराखंड, यूपी और दिल्ली के कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है।
RTPCR केस हरिद्वार के मामले में मैक्स कॉरपोरेट के द्वारा नई याचिका दायर की गई है। दायर याचिका में FIR में धारा 467 की बढ़ोत्तरी कर जांच अधिकारी उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिस कर रहे हैं।
जबकि उच्च न्यायालय ने मैक्स कॉरपोरेट द्वारा दाखिल पूर्व याचिका में सरकार को आदेश दिए थे कि वो अरुणेश कुमार के निर्णय को पालन करें। मल्लिका पंत और शरद पंत से जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया था, जिस पर जांच अधिकारी को पूरा सहयोग किया गया। इसके साथ ही सारे दस्तावेज भी दाखिल किए गए।
लेकिन उच्च न्यायालय के पूर्व आदेश जिसमें अरुणेश कुमार के निर्णय को पालन करनें के आदेश दिया गया था। उस आदेश का पालन न करते हुए दोनों पार्टनर्स को गिरफ्तार करने की कोशिश करने के लिए धारा 467 बढ़ोत्तरी की गई है।
उस पर उच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया है कि वो 20 तारीख तक अपना पक्ष उच्च न्यायालय के सामने रखें। क्योंकि मल्लिका पंत और शरद पंत द्वारा सभी दस्तावेज और अपने बयान जांच अधिकारी को पहले ही दर्ज कराए जा चुके हैं और जांच में उनके द्वारा पूरा सहयोग किया गया है।
मैक्स कॉरपोरेट ने अपनी दाखिल याचिका में अपना पक्ष रखते हुए उच्च न्यायालय को सूचित किया है, कि मैक्स कॉरपोरेट का काम कुंभ में जांच के दौरान लैब और सरकार के बीच समन्वय का था, वह सभी जांच लैब द्वारा की गई है।
मैक्स कॉरपोरेट का जांच करने में व जांच रिर्पोट को अपलोड करने में कोई भी भागीदारी नहीं थी। और वो जांच करने वाली लैब के द्वारा प्रस्तुत किए गए बिलों को सिर्फ सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने का काम कर रहे थे।