पत्र लिखने वाले नेताओं के बदले सुर, फिलहाल सोनिया ही बनी रहेंगी अंतरिम अध्यक्ष | Nation One
कांग्रेस में फिलहाल नेतृत्व का संकट टल गया है। सोनिया गांधी ही अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। आज सुबह नेतृत्व को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक चली, जिसमें खुलकर बात हुई। बैठक के दौरान पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने को साफ कह दिया था कि वो अब आगे पार्टी अध्यक्ष नहीं बने रहना चाहती हैं। कार्यसमिति नये अध्यक्ष का चुनाव कर ले।
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एके एंटनी समेत कई नेताओं ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया था। पार्टी की वर्चुअल बैठक में मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी वाड्रा, कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत अन्य नेता मौजूद रहे।
सोनिया गांधी ने दिया अपने पद से इस्तीफा, राहुल गांधी ने कह दाली ये बड़ी बात
जानकारी के मुताबिक CWC की ये बैठक सोनिया गांधी को करीब 2 हफ्ते पहले लिखी गई एक चिट्ठी की प्रतिक्रिया के तौर पर बुलाई गई थी। कम से कम 23 नेताओं जिनमें CWC के सदस्य, UPA सरकार में मंत्री रहे नेता और सांसदों ने सोनिया गांधी को संगठन के मसले पर चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में सशक्त केंद्रीय नेतृत्व के साथ पार्टी को चलाने की सही रणनीति पर जोर दिया गया था। इसमें कहा गया था कि नेतृत्व ऐसा हो जो सक्रिय हो और जमीन पर काम करता दिखे।
बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने पार्टी में उठे लेटर विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि चिट्ठी की बातें किसी भी व्यक्ति या गांधी परिवार के खिलाफ नहीं थीं। वह सिर्फ एक सुझाव था। सोनिया गांघी पद अपने पास रखने को तैयार नहीं हैं, ऐसे में अगर राहुल गांधी कार्यभार संभालने के लिए तैयार हैं, तो यह ठीक है, लेकिन यदि नहीं, तो पार्टी नेतृत्व पार्टी के संविधान के तहत सोचे और फैसला ले।
वहीं दूसरी ओर दिल्ली में कांग्रेस काउंसलर संदीप तंवर ने कांग्रेस नेतृत्व को लेकर छिड़े विवाद में खून से खत लिख डाला। तंवर ने यह चिट्ठी राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने के हक में लिखी है। सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि अगर राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो यह पार्टी के हित में फैसला नहीं होगा क्योंकि राहुल गांधी ने जमीनी लड़ाई लड़ी है।
हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है।
बता दें कि उन्हें एक साल पहले राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद 10 अगस्त, 2019 को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था। बैठक से पहले पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष या सामूहिक नेतृत्व को लेकर 23 वरिष्ठ नेताओं के पत्र ने गांधी परिवार के नजदीकी नेताओं की बेचैनी बढ़ा दी थी।
बदलावों की वकालत करने वाले वरिष्ठ नेताओं के सुझावों और तर्को को पूरी तरह से खारिज करते हुए इन नेताओं ने सोनिया गांधी को ही पार्टी अध्यक्ष बनाए रखने या राहुल गांधी को दोबारा पार्टी की कमान सौंपने की मुहिम शुरू की हुई थी। इन नेताओं में कई मुख्यमंत्री, सांसद और पूर्व मंत्री से लेकर पार्टी पदाधिकारी शामिल हैं।