
Roorkee में तेजी से फैल रही हेपेटाइटिस सी बीमारी, जानिए क्या कह रहे विशेषज्ञ | Nation One
Roorkee : हरिद्वार जिले के गाधारोना गांव में काला पीलिया यानी कि हेपेटाइटिस-सी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं पिछले 3 माह के भीतर इस गांव में काला पीलिया के 45 मरीज सामने आ चुके हैं. इसके अलावा अन्य क्षेत्रों से तीन महीने में 426 मरीजों में हेपेटाइटिस-सी यानी काला पीलिया पाया गया है. कुल मिलाकर 470 मरीजों को इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए रुड़की सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है.
देशभर में हेपेटाइटिस-सी के मरीजों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इसी के चलते रुड़की सिविल अस्पताल में मरीज बड़ी संख्या में काला पीलिया का इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं. बताया गया है कि इस बीमारी की दवाई अगर निजी हॉस्पिटल या मेडिकल स्टोर से खरीदी जाए तो वह काफी महंगी होती है. यही वजह है कि अधिकतर मरीज सिविल अस्पताल पहुंच रहे हैं. दरअसल हेपेटाइटिस-सी की बीमारी का इलाज अगर समय पर न कराया जाए तो यह बीमारी एक भयंकर मोड़ ले लेती है और मरीज का बचना बेहद मुश्किल हो जाता है.
Roorkee : मरीजों की संख्या में इजाफा
हालांकि इन दिनों हेपेटाइटिस-सी के मरीजों में भारी संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसी के चलते रूड़की के सिविल अस्पताल में दवाई लेने के लिए बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं.
वहीं इस भयंकर बीमारी को लेकर रुड़की सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ संजय कंसल ने बताया कि काला पीलिया यानि हेपेटाइटिस-सी का नाम सुनकर हर कोई चौंक जाता हैं, क्योंकि यह एक गंभीर बीमारी है. उन्होंने बताया कि पहले अस्पतालों में इस बीमारी की दवाइयां नहीं मिल पाती थी, हालांकि अस्पताल में इस रोग की दवाइयां अभी भी मौजूद नहीं होती हैं.
उन्होंने बताया कि जब कोई मरीज दवाई लेने के लिए अस्पताल आता है तो पहले मरीज का रजिस्ट्रेशन होता है, जिसके बाद दवाई का कोर्स ऑर्डर पर मंगवाया जाता है और कोर्स आने के बाद मरीज को दवाई दी जाती है. क्योंकि इस भयंकर बीमारी का तीन महीने का कोर्स होता है, सीएमएस संजय कंसल ने बताया कि काला पीलिया फैलने का कारण ब्लड ट्रान्ज्यूशन का कारण भी हो सकता है, साथ ही इसका इंफेक्शन इंजेक्शन की सिरिंज में लगी हुई सुई भी हो सकता है.
Roorkee : सेक्सुअल कॉन्टैक्ट भी हो सकता है इन्फेक्शन की वजह
उनका कहना है कि इस इंफेक्शन की वजह सेक्सुअल कॉन्टैक्ट भी हो सकता है. उन्होंने बताया कि एक दूसरे का जूठा खाने से ये इंफेक्शन नहीं फैलता है, उन्होंने बताया कि काला पीलिया यानि हेपेटाइटिस-सी का समय पर इलाज ना होने के कारण रोगी का लीवर खराब होने लगता है, रोग की अनदेखी करने पर बीमारी बड़ी लाइलाज रूप ले लेती है, यह एक तरह से लीवर का संक्रमण है. लेकिन अस्पताल में इसका इलाज मरीजों को लगातार मिल रहा है. उनका कहना है कि कुछ समय पहले इस बीमारी की दवाई मिलने में दिक्कतें आई थी, लेकिन अब लगातार दवाई मिल रही है.
साथ ही उन्होंने बताया कि अस्पताल में पिछले तीन माह में 470 मरीज हेपेटाइटिस-सी के आए हैं. जिनमें से 45 मरीज गाधारोना के हैं, उन्होंने कहा कि गाधारोना गांव में हेपेटाइटिस-सी के मरीजों में इजाफा हो रहा है. इसके लिए उनके द्वारा सीएमओ हरिद्वार को अवगत करा दिया गया है.
सीएमएस संजय कंसल ने सभी से अपील की है कि आपके आसपास जो भी झोलाछाप डॉक्टर बैठे हैं उनके पास बिल्कुल न जाएं. बताते चलें कुछ माह पहले भी प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर समेत अन्य जगहों से भी हैपेटाइटिस-सी के मरीज रुड़की सिविल अस्पताल में अपना इलाज कराने के लिए पहुंच रहे थे.
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