आईआईटी खडगपुर शुरू कर रहा जीनोमिक्स लैब
आईआईटी खडगपुर ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू कर रहे छात्रों को जीनोमिक्स में पंजीकरण करवाने के लिए प्रेरित करने को एक महत्वाकांक्षी कोर्स शुरू किया है। इसका उद्देश्य छात्रों को लाइफ साइंस की सभी मूलभूत तकनीक की जानकारी देना है।
मीडिया रिपोर्ट में संस्थान के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर सुदीप के घोष के हवाले से बताया गया है कि जीव विज्ञान अनुसंधान के क्षेत्र में खासतौर पर जीनोमिक्स के क्षेत्र में होनहार युवाओं को आकर्षित करने के लिए आईआईटी खडग़पुर इंजीनियरिंग की सभी शाखाओं के छात्रों के लिए जीनोमिक्स प्रयोगशाला केंद्र शुरू करने वाला है।
प्रोफेसर घोष ने कहा कि हालांकि विदेशों में इस तरह की कई प्रयोगशालाएं हैं, लेकिन भारत में यह इस तरह की पहली प्रयोगशाला होगी। इस प्रयोगशाला का प्रमुख उद्देश्य दूसरे वर्ष के सभी छात्रों को लाइफ साइंस की सभी मूलभूत तकनीक सिखाना होगा।
उन्होंने बताया कि सूक्ष्मदर्शी आधारित आकलन, आणविक जीव विज्ञान, प्रोटीन संरचना एवं कार्य और बायोइन्फॉर्मेटिक्स शामिल होंगे। तीसरे साल से ये छात्र बायोटेक्नोलॉजी, बायोसाइंस, रसायनशास्त्र, चिकित्सा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के संकाय के नेतृत्व में अपने खुद के प्रयोग मॉडल बना सकते हैं।
मालूम हो कि इससे पहले आईआईटी खडगपुर के शोधकर्ताओं ने कम लागत वाला गंदगी डिटेक्टर विकसित किया था। यह किसी स्थान पर गंदगी होने पर ऑनलाइन अलर्ट भेजता है। स्मार्ट हाइजीन मॉनिटर (एसएचएम) सेंसर के माध्यम से अमोनिया, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों और कणों का स्तर दर्ज करता है और जरूरत पड़ने पर संबंधित व्यक्ति को ऑनलाइन अलर्ट भेजता है।
आईआईटी-खड़गपुर के छात्रों ने पेसिव सोलर वाटर वाल नाम से एक कूलिंग प्रणाली तैयार की था। इसमें एक आयताकार पानी का टैंक तैयार किया गया। जिसे दीवार के अंदर फिट कर दिया जाता है। इससे बिजली का खर्च 50 फीसदी से ज्यादा कम हो जाता है। यह पूरी तरह से एसी के विकल्प के रूप में सामने आया है।