देहरादून
लगातार ट्रेनिंग के बाद आठ घंटे की एथिकल हैकिंग चैंपियनशिप 26 जून को आयोजित की जाएगी। शुक्रवार को साइबर रेडिक्स एकेडमी, नेहरू कॉलोनी में एथिकल हैकिंग प्रतियोगिता के आखिरी चरण की ट्रेनिंग का दूसरा दिन था। चैंपियनशिप में मात्र तीन दिन बचे हैं। अब तक कुल 100 से ज़्यादा ऑनलाइन पंजीकरण हो चुके हैं, जिनको 22 से 25 जून तक लगातार प्रशिक्षण दिया जाएगा। उत्तराखंड की अब तक की बड़े स्तर पर होने वाली एथिकल हैकिंग चैंपियनशिप का प्रशिक्षण शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक दिया जाएगा।
साइबर एवं फॉरेंसिक एक्सपर्ट अंकुर चंद्रकांत ने प्रतिभागियों को चैंपियनशिप के स्तर, चुनौतियों और नियमों की जानकारी देते हुए बताया कि सात चरणों की प्रतियोगिता का हर राउंड एक नॉक-आउट राउंड होगा। शीर्ष विजेताओं को 1,00,000 तक का पुरस्कार दिया जाएगा। सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेशन ऑफ़ पार्टिशिपेशन भी दिया जाएगा। प्रतियोगिता की कुल अवधि 8 घंटे रहेगी। प्रतियोगिता का उद्देश्य शीर्ष प्रतिभागियों को उनकी प्रतिभानुसार आगे बढ़ाना है ताकि संस्थान से निशुल्क ट्रेनिंग लेकर प्रदेश और देश में पुलिस प्रशासन के हित में कार्य कर सके। संस्थान टॉप 15 प्रतिभागियों की विशेष टीम बनाएगा।
एथिकल हैकिंग चैंपियनशिप और ट्रेनिंग के बारे में
साइबर रेडिक्स एकेडमी के फाउंडर एवं साइबर सिक्योरिटी व फोरेंसिक एक्सपर्ट अंकुर चंद्रकांत ने बताया कि हैक-ट्रिक्स 2k17 प्रतियोगिता का उद्घाटन 26 जून 2017 को उत्तराखंड के अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) अशोक कुमार करेंगे। प्रशिक्षण में सिस्टम स्कैनिंग , सिस्टम हैकिंग , ट्रोजन्स, रैट्स , स्टेग्नोग्राफी, रैनसमवेयर अटैक्स, डिफेंस, वल्नेरेबिलिटी और एक्सप्लॉइट विषयों पर चर्चा की गई। प्रतिभागियों की शंकाओं का निवारण भी किया गया। अंकुर चंद्रकांत के साथ ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के आदर्श पंत, मनीष त्यागी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। आदर्श पंत प्रतियोगिता के प्रबल दावेदारों में से एक माने जा रहे हैं। वह तीन साल से अंकुर चंद्रकांत से साइबर सिक्योरिटी का प्रशिक्षण ले रहे हैं।
हैक्ट्रिक्स प्रशिक्षण का संचालन संस्थान की प्रबंधक सोनम तडि़याल ने किया। प्रतियोगिता 8 घंटे तक चलेगी, जिसमें राज्य के अलग अलग क्षेत्रों से आए प्रतिभागी सात राउंड्स में भाग लेंगे। किसी नॉक आउट प्रतियोगिता की तरह ही इसमें भी हर राउंड में प्रतिभागियों को दक्षता प्रदर्शित करनी होगी। अभी तक 300 से अधिक जाने माने साइबर केस सुलझाने में योगदान दे चुके अंकुर चंद्रकांत ने बताया कि यह प्रतियोगिता उत्तराखंड में साइबर सिक्योरिटी तथा एथिकल हैकिंग की अहमियत को युवाओं तक पहुँचाने में कारगर होगी।
उन्होंने बताया कि अधिकतर युवा और किशोर साइबर क्राइम की चपेट मे आते हैं। किसी का फेसबुक अकाउंट हैक हो जाता है तो कोई व्हाट्सएप हैकिंग या ऑनलाइन लाटरी फ्रॉड का शिकार होता है। इस किस्म के अपराधों से बचाव के तरीके यदि कम उम्र में ही सीख लें तो देश में साइबर क्राइम में निश्चित ही गिरावट आएगी। युवाओं के लिए साइबर सिक्योरिटी एक बहुत ही रोमांचक एवं लाभकारी रोज़गार क्षेत्र है। यहाँ एक सर्टिफाइड छात्र औसतन 25,000 से 40,000 तक कमा सकता है। क़ानून प्रवर्तन जैसे क्राइम ब्रांच, सीबीआई आदि में भी आवेदन में सरलता होती है।
चंद्रकांत ने बताया कि कैसे कई प्रोफेशनल्स को भी इस विषय की सही जानकारी नहीं है। उन्हें लगता है कि फेसबुक, ईमेल व व्हाट्सएप आदि हैक करना ही हैकिंग है। वहीं स्टूडेंट मूवीज में दर्शाये गए हैकिंग दृश्यों को वास्तविक समझते हैं। इस तरह कि चैंपियनशिप से उन्हें इस विषय के बारे में और अधिक सटीक जानकरी मिलती है। वहीं उनकी गलत अवधारणा भी ख़त्म हो जाती है। चंद्रकांत ने कहा कि हम सभी डिजीटलाइजेशन की तरफ बढ़ रहे हैं तो उसकी सिक्योरिटी भी जरूरी है।
संस्थान की निदेशक नेहा शर्मा जी ने आश्वस्त किया कि इस प्रतियोगिता की मदद से राज्य स्तर पर साइबर अटैक्स के मामलों में आने वाले समय में काफी रोक लग सकेगी। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य लोगों की साइबर सिक्योरिटी से संबंधित जानकारी को बढ़ाना है। क्योकि अभी भी इंडिया में लोग साइबर सिक्योरिटी को इतना महत्व नहीं देते जबकि यह एक संवेदनशील विषय है। अटलांटा (यूएसए) में ईसी काउंसिल की ओर से आयोजित स्पर्धा में अंकुर चंद्रकांत को बेस्ट एथिकल हैकर ऑफ द ईयर का अवार्ड मिला है। इस अवार्ड के लिए 20 देशों के कई प्रतिभागियों का नामांकन था।