
निदेशक ने नहीं माना मंत्री का निर्देश, 400 कर्मचारी बेरोजगार | Nation One
देहरादूनः महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत कार्यरत लगभग 400 कर्मचारी इस महीने बेरोजगार हो गए। यह कहना है विभागीय मंत्री रेखा आर्य का। इस मामले में विभाग के निदेशक की ओर से उनके निर्देश का पालन न किए जाने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में कहा कि विभाग ने समय से नई एजेंसी के चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं की। इसके बाद 15 सितंबर को आदेश जारी कर इन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं।
विभागीय मंत्री ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जनहित में कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसमें राष्ट्रीय पोषण मिशन, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन, महिला शक्ति केंद्र, वर्किंग वूमेन हॉस्टल आदि योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं के तहत पिछले वर्ष आउटसोर्स एजेंसी का चयन किया गया था। इसमें करीब 400 कर्मचारी रखे गए। इस आउटसोर्स एजेंसी का कार्यकाल इस साल मई 2020 में समाप्त हो गया था।
विभाग की ओर से मामले को गंभीरता से न लेते हुए समय से नई एजेंसी के चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। यही वजह रही कि केंद्र सरकार की योजनाओं में कार्यरत कर्मचारियों को कोरोना काल में वेतन नहीं मिला। इससे कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया। विभाग की राज्य मंत्री ने कहा कि शिकायत मिलने पर उन्होंने कर्मचारियों का वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया था।
उन्होंने स्पष्ट आदेश दिया था कि नई आउटसोर्स एजेंसी की निविदा की प्रक्रिया पूरी होने तक गत निविदा में चयनित आउटसोर्स एजेंसी की सेवाएं जारी रखी जाएं, ताकि योजनाएं सुचारु रूप से संचालित होती रहें लेकिन, निदेशक ने आदेश की अनदेखी करते हुए चयनित एजेंसी का कार्यकाल 15 सितंबर तक विस्तारित किया गया। इसके बाद बिना आउटसोर्स एजेंसी की निविदा खोले 14 सितंबर 2020 को समस्त जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिया कि 15 सितंबर 2020 से पूर्व चयनित एजेंसी के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों से विभागीय कार्य न लिया जाए।
विभाग की राज्य मंत्री ने कहा कि निदेशक के इस आदेश से लगभग 400 कर्मचारी बेरोजगार हो गए। केंद्र सरकार की छोटे बच्चों को पोषण, प्रताड़ित महिलाओं आदि से संबंधित महत्वपूर्ण योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। उधर, इस मामले में विभाग के निदेशक वी षणमुगम से प्रयास के बाद भी संपर्क नहीं हो सका। यदि वह अपना पक्ष रखना चाहेंगे तो उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा। उधर, केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों ने नौकरी से हटाए जाने के विरोध में बाल विकास विभाग की राज्य मंत्री के आवास के बाहर सांकेतिक प्रदर्शन किया।
शुक्रवार दोपहर मंत्री के आवास के बाहर पहुंचे कर्मचारियों ने कहा कि वे पिछले वर्ष से विभिन्न योजनाओं के तहत विभाग में काम कर रहे थे लेकिन, 15 सितंबर 2020 से उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है। जबकि उन्हें पिछले चार महीने से वेतन भी नहीं मिला। इससे उन्हें भारी आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें बहाल किए जाने के साथ ही उनके वेतन का भुगतान किया जाए। उधर, विभाग की राज्यमंत्री रेखा आर्य ने कहा कि वह कर्मचारियों के साथ है। प्रयास किया जाएगा कि किसी कर्मचारी के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा न हो।