देवभूमि में भी सुरक्षित नहीं हैं अब बेटियां…

देवभूमि में भी सुरक्षित नहीं हैं बेटियां...

(मनीषा नेगी )

हत्या,दुष्कर्म और अत्याचार करने वाली घटानाएं अब देवभूमि के लिए एक आम बात हो गई है। जहां एक ओर देवभूमि को सबसे सुरक्षित माना जाता था वही अब लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से उत्तराखंड का नाम भी क्राइम की लिस्ट आने लगा है। इस तरह की घटानाओं से आए दिन हमारी देवभूमि शर्मसार हो रही है।

कभी बेटियों के साथ दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे है तो कभी कुछ बेटियां ऐसी परिस्थियों से जूझ करके मजबूरन आत्महत्या का शिकार बन जाती है। लेकिन फिर भी हमारा प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। आज भले ही सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं नारें के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का हरसंभव प्रयास कर रही हो लेकिन फिर भी आए दिन बेटियों के साथ कुकर्म हो रहे है। अगर इसी देश में बेटियों के साथ ऐसे कुकर्म हो रहे हो तो फिर ऐसे में क्या कहा जाए। आए दिन टीवी,समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में दुष्कर्म की खबरे आती रहती है। लेकिन अभी भी बेटियों के साथ ऐसे कुकर्म करने वाले ज्यादातर दरिदें खुलेआम घूम रहे हैं। फिर भी इस ओर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

कभी मासूम के साथ कुछ दरिंदे इंसानियत की सारी हदें पार कर देते है तो कभी एक बाप ही अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम देता है। क्या हो गया है हमारी इस देवभूमि को ? क्या यहां के लोगों में भी अब इंसानियत खत्म हो गई है। जो आए दिन ऐसी घटानाएं आ रही है। हालंही में देहरादून का नाम देश के सबसे सुरक्षित शहरों में आया था। लेकिन क्या फायदा देश के सुरक्षित शहरों में आने का जब यहां आए दिन दुष्कर्म की खबरें सामने आ रही हैं तो।