नई दिल्ली : तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है।
तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को आगामी 26 नवंबर को एक साल पूरे रहे हैं। 7 नवंबर को हरियाणा संगठनों की एक बड़ी बैठक और 8 नवंबर को पंजाब संगठनों की एक बड़ी बैठक होने जा रही है।
इसके बाद 9 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा एक बैठक करने जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ‘देश का किसान आंदोलन छोड़कर कहीं नहीं जाएगा।
अगर सरकारें पांच साल तक अपनी सरकार चला सकती हैं तो ये आंदोलन भी जनता का चुना हुआ आंदोलन है और ये आंदोलन तब तक चलेगा जब तक भारत सरकार एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनाएगी और ये तीन कानून वापस नहीं लेगी।
26 नवंबर को किसान आंदोलन को 1 साल पूरा होने जा रहा है| इस बीच आंदोलन के एक साल पूरे होने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा समेत अन्य किसान संगठनों ने सक्रियता बढ़ा दी है।
इसी कड़ी में तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे धरना प्रदर्शन के मद्देनजर किसान नेताओं ने एक अहम बैठक अगले सप्ताह 9 नवंबर को बुलाई है।
बताया जा रहा है कि दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर बुलाई गई 9 नवंबर की बैठक में आंदोलन को लेकर कोई निर्णायक फैसला हो सकता है।
किसान आंदोलन को तेज करने की दिशा में कई बड़े एलान भी कर सकते हैं। यह अहम बैठक आगामी 9 नवंबर को सिंघु बार्डर पर दोपहर में होगी।
केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में यूपी हरियाणा-पंजाब से शुरू हुआ किसान आंदोलन 24 नवंबर 2020 को दिल्ली की सीमा पर पहुंच गया।
किसान यह कहकर निकले थे कि वह दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में सरकार को घेरेंगे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने 26 नवंबर 2020 को किसानों को हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा पर ही रोक दिया।
जिसके बाद किसान नेताओं ने दिल्ली की सीमाओं पर ही अपने आंदोलन को चलाने का फैसला लिया, लेकिन इसी बीच सरकार और किसान संगठनों के बीच में 12 दौर की एक लंबी वार्तालाप भी हुई। सरकार और किसान नेताओं के बीच 12 दौर की बातचीत के बाद कोई भी बैठक दोनों के बीच में नहीं हुई है।
26 नवंबर को किसान आंदोलन का 1 साल पूरा होने जा रहा है, जिसके चलते किसानों के अलग-अलग संगठन इस किसान आंदोलन को और तेज करने की रणनीति बना रहे हैं, ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके और यह तीनों कृषि कानून वापस हो।