Saharanpur नगर निगम कार्यालय के अधिकारियों के तख्त के नीचे पनप रहा भ्रष्टाचार, DM-SDM भी शामिल | Nation One
Saharanpur : जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश में सीएम योगी जीरो टोलरेंस नीति की नीव रखने की लगातार कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर सरकार के दिए गए मलाईदार पदों पर पदस्थ सरकारी कर्मचारी ही, इस नीव को उखाड़ फेंकने के लिए तशरीफ जमाए बैठे हैं।
“दिया तले अंधेरा” ये कहावत तो आपने बेशक सुनी होगी। ऐसा ही कुछ हो रहा है प्रदेश की सरकार के साथ। सहारनपुर को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना देख रही उत्तर प्रदेश सरकार खुद इस बात से अंजान है कि सहारनपुर के नगर निगम कार्यालय के अधिकारियों के तख्त के नीचे रिश्वतखोरी के जरिए भ्रष्टाचार पनप रहा है।
Saharanpur : 20 से 22 % के कमीशन की मांग
दरअसल नगर निगम कार्यालय के मुख्य कार्यकर्ता आलोक श्रीवास्तव के पास जब एक ठेकेदार काम के सिलसिले में जाते हैं तो, श्रीवास्त जी उन्हें अपने एक चेले के पास भेजते हैं। जब चेले से मुलाकात होती है तो श्रीवास्तव जी का चेला धड़ल्ले से 20 से 22 % के कमीशन की मांग करता है।
आपको बता दें ये कमीशन कोई हक का कमीशन नहीं हैं यहां 20 से 22% पैसे देने की मांग टेबल के नीचे से की जा रही है जिसे दसरी भाषा में घूस कहते हैं।
वीडियो में दिख रहा शख्स कहता है कि काम करने के “20 से 22 प्रतिशत लगेंगे, काम करना है तो बताओ। क्योंकि यहां नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी सबकी जेबें गर्म करनी होती है।”
Saharanpur : SDM और DM भी शामिल
आपको बता दें इसमें SDM और DM भी शामिल है। श्रीवास्तव जी के चेले ने Hidden Camera के सामने खुद अपने काले कारनामों का कच्चा चिठ्ठा खोल कर रख दिया है।
इस वीडियो में बोले जा रहे अलफाज़ों से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किस कदर ये भ्रष्ट अधिकारी और उनके चेले चपाटे जनता को नौंचने खसौंटने का काम कर रहे हैं और न जाने अब तक कितनी ऐसी काली करतूतों को अंजाम दे चुके हैं।
लेकिन इस सबके बावजूद भी किसी को कानों कान खबर नहीं है। या फिर यूं कहें कि उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन की नजर में रिश्वतखोरी कोई जुर्म या भ्रष्टाचार नहीं हैं, शायद इसलिए रिश्वतखोरों के खिलाफ स्खत कार्रवाई को पुलिस तवज्जों नहीं देती।
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