Char Dham : शीतकाल के लिए आज बंद होंगे गंगोत्री धाम के कपाट, अब यहां होगी पूजा | Nation One
Char Dham : गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार (आज) अन्नकूट पर्व पर शीतकाल के लिए बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली यात्रा गंगोत्री धाम से शीतकालीन पड़ाव मुखबा के लिए प्रस्थान करेगी जो लंका स्थित भैरव मंदिर में विश्राम के बाद अगले दिन बृहस्पतिवार को मुखबा पहुंचेगी।
श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल ने बताया कि विजयदशमी पर्व पर गंगोत्री धाम की कपाट बंदी का समय तय किया गया था जिसके अनुसार गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार आज अन्नकूट पर्व पर 12:01 बजे पर शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।
Char Dham : भैयादूज पर शीतकाल के लिए भगवान केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद
धाम से मां गंगा की उत्सव डोली यात्रा 12:05 बजे अपने शीतकालीन पड़ाव मुखबा (मुखीमठ) के लिए रवाना होगी जो कि एक दिन लंका स्थित भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन मुखबा पहुंचेगी। शीतकाल के छह माह मां गंगा की उत्सव डोली मुखबा स्थित मंदिर में विराजमान रहेगी।
भैयादूज पर शीतकाल के लिए भगवान केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद किए जाएंगे। इसके बाद छह माह बाबा केदार की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर तो मां यमुना की पूजा खरसाली में होगी। भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बृहस्पतिवार को सुबह 8:30 बजे बंद किए जाएंगे।
Char Dham : कपाट बंद करने की सभी तैयारियां पूरी
बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी। 28 को डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में विश्राम करेगी और 29 को डोली ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी।
सोनप्रयाग होते हुए बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली अपने पहले पड़ाव रामपुर में रात्रि प्रवास करेगी। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के ईओ रमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि कपाट बंद करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके तहत बुधवार देर रात विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी।
उधर, यमुनोत्री धाम के कपाट बृहस्पतिवार को भैयादूज पर 12:09 बजे सर्व सिद्धि योग और अभिजीत मुहूर्त में बंद किए जाएंगे। मां यमुना की डोली अपने शीतकालीन पड़ाव खरसाली के लिए प्रस्थान करेगी।
Char Dham : 19 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
बदरीनाथ धाम के कपाट मीन लग्न में 19 नवंबर को अपराह्न 3:35 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। 20 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, कुबेर और उद्धव की उत्सव डोली धाम से अपने शीतकालीन प्रवास स्थल पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेगी।
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